Texttitel (Kurzbezeichnung) | Johannes Tauler: Predigten (W2) |
Textkürzel in ReM (und in der Mittelhochdeutschen Grammatik) | Taul |
Textkürzel im Mittelhochdeutschen Wörterbuch | Tauler |
Textsorte, spezifisch | Religion |
Textsorte | Predigten |
Textart (P = Prosatext, U = Urkunde, V = Verstext) | P |
Primäre Referenz (Edition, Handschrift) | Handschrift |
Sekundäre Referenz (Edition, Handschrift) | Edition [Seite+Zeile] |
Aufbewahrungsort | Wien, Österr. Nationalbibl. |
Signatur | Cod. 2744 |
Link zum Handschriftencensus | http://www.handschriftencensus.de/11108 |
Überlieferungstyp (Handschrift, Rolle, Inschrift) | Handschrift |
Blattangabe | Bl. 1r-174v |
Ausschnitt | "Bl. 1-20r,2; 79r,6-97v,6; 159r,8-178r,16" |
Sprachstufe (in ReM steht “mhd”) | mhd |
sprachlicher Großraum, weit (oberdeutsch, mitteldeutsch, niederdeutsch) | mitteldeutsch |
sprachlicher Großraum, enger (z.B. ostoberdeutsch, westmitteldeutsch) | westmitteldeutsch |
Sprachlandschaft/Dialekt (z.B. nordbairisch, schwäbisch, hessisch) | ripuarisch |
Lokalisierung/Schreibort | Köln? |
Zeit (Jahrhundert(hälfte)) (z.B. 12,2 = 12. Jh., 2. Hälfte) | 14,2 |
Bemerkungen zum Überlieferungsträger | - |
Zeit (genauere Datierung) | - |
Lokalisierung (Entstehungsort) des Textes | - |
Autor des Textes | - |
Sprache des Autors | - |
Übersetzungsvorlage | - |
Edition (Standardedition, auf die sich ggf. die primäre oder sekundäre Referenz bezieht) | Adolphe Léon Corin (Hg.), Sermons de J. Tauler et autres écrits mystiques. I. Le Codex Vindobonensis 2744 (Bibliothèque de la Faculté de Philosophie et Lettres de l'Université de Liége 33), Liége/Paris 1924 |
Korpuszugehörigkeit (ReM I, ReM II, MiGraKo) | MiGraKo |
Bemerkungen zur Texterfassung/Transkription | - |
Bemerkungen zur Annotation | - |
Digitalisierung von: Name(n) (Arbeitsstelle) | Hans-Peter Prell (Bochum), Erika Schröppel (IgL, Bonn) |
Kollationierung von: Name(n) (Arbeitsstelle) | Anke Gummersbach, Bernd Lucke, Erika Schröppel (IgL, Bonn), E. Lieven (Bonn, IgL) |
Präeditiert durch: Name(n) (Arbeitsstelle) | Frank Ringeler (Bonn) |
Annotierung von: Name(n) (Arbeitsstelle) | Frank Ringeler (Bonn) |
Abschlusskorrektur durch: Name(n) (Arbeitsstelle) | Thomas Klein, Elke Weber (Bonn) |
Zeile | Transkription (Unicode) | Transliteration |
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[178ra,15] [178ra,16] | Reuela dn̄o viam tuam et ſpera in eo et ipſe faciet· et educet quaſi lumē iuſticiam tuam et iudiciū tuū tamquā meridiē ſbˢditus eſto dn̄o et ora eū lieuͦe kinder ich wil uͦch nuͦ leiren eynen kuͦrten ſleichten wech da neyman ynne geirren in mach vnd dit is ouͦch dat ſlos vnde dat ende van al der oyuͦuͦngen die ich uͦch geſacht vnd geleirt hain deiſe zijt da ir uͦch ynne moiſſit leiren oyuͦen ſtetlichen ſoilt ir vmmer komen zo wairme leyuͦendichen kirſtlichen geloyuͦen vnd zo ynwendicher bevintlicheit/ der wairheyt Dar zo gehoirent na deme dat ſent ſent bernart vnd yſaac vnde alle die leirer der heiliger geſchrijfte ſprechent· zwa vſwendige oyuͦuͦ̄gen dat is wachen vnd vaſten mit beſcheidenre ordenūgen dat die natuͦre neyt verderft in werde· Dat der menſche des morgens eſſe waile ſine noittuͦrft vnd des auͦendes wenich of neyt/ Darna dat id der menſche gelyden kan vnd breiche ſich dan van der geſelſchaf vnd keire ſich zo eme ſeluͦer eyne wyle vn̄ gee dan vp ſyn bedde vnd ſlaiffe bys zo der vren der metten da mit hait is die natuͦre vollen genoich vnd da by blijft der mēſche geſuͦnt vnd geſaiſt in der naturen· Vnd ſprechent die wyſe artzeter dat manich menſche vā ouͦermaiſen vnd van vnordenuͦngen eſſins vnd drinckens vnd ſlafens geſtoruͦen ſy/ ee / zijde· tzo metten zijt ſte der menſche vp vnd reyſe ſich dan mit den mynnenclichen verſin vnd worden die man ſyngit in der metten of mit deme leyuͦen of mit deme lyden of mit den wuͦnden vns heren of wa mit dat hie ſich alre meiſte gereyſen kan vp dat die ſynlicheyt da mit gevangen vnd getwuͦngē wˢde vnd die natuͦre/ vnd dat gemoite ſich leire druͦcken in alre weder woirdicheyt vnder got vnd vnder alle menſchen Want aldes menſchen leyuͦen geyt vp eyn ſteruͦen vnd duͦrch dit ſteruͦen mois die nature hie weder in geboren werden als wail als der geyſt· Dā na der metten ſal der menſche ſich inkeren vnd neymen ſyns ſeluͦes war vnd ſeyn ſyne gebreche an vnd vrdelen ſich ſeluͦer na ſente pauͦluͦs leire/ want we ſich ſeluͦer hie vrdelt die wirt van gode neyt veruͦrdeilt vnd dyt vrdeil inſal neyt ſyn mit eynre gruͦwelicher ſwindicheyt/ dat der menſche eyt verzwiuͦele Suͦnder mit eyme guͦtlichen ſuͦſſen ernſte dat der M ·· geoitmoidicheit werde vā ſynen gebrechen vnd ſey wat hie ſeluˢ is vnd ſpreche here dyt bin ich Ich inkan noch in vermach noch in hain van mir ſeluͦer anders neit dan gebrech· here ich inbyn dinre genaden neit wirdich vrlofe mir dat ich dir deyne/ vnd alſuͦs lyde· dˢ menſche dyt vrdeil mit deyſer oitmoidicheyt So vallint eme ſyne gebreiche af Dat hie is ſeluͦer neyt inweys· Ouͦch in wirt der vyant mit geyne dyngen balder vˢdreuͦē noch hie invortit ouͦch geyn dinck me dan dat dˢ menſche ſich oytmoitlichen vrdeilt vnd gode getruͦwit Dieſen ſijn haldet des begeirē ich/ vnd getruͦwit gode hie ſal id doyn/ als ich he vuͦr geſprochen hain indeme verſen den her dauͦid ſpricht in dem ſelter· Reuela et̄ Offenbaire deme heren dinē wech vnd getruͦwe eme vnd hie ſal id doyn· Ich hain uͦch duͦcke geſaicht Ir ſoilt/ gode bygetin dat is dijs ſelue ſyn· Want offenbairin vnd bichtin dat is eyn· vn̄ hin vs komet waire bigeit· vnd der preiſter inhait neyt macht dich zo abſoluͦerin dan alſo verre as duͦ vs dieſme gruͦnde bygetis· Dar vmbe ſint alle die menſchen bedroigen die wenent mit der vyswendicher bigeit genoich doyn· Suͦnder inwendich bekentniſſe vnd ruͦwe Offenbaire dan deme heren dinen wech· wilchin wech Den vnluͦterin gebrechlichen blinden verkeirden wech dins aldin ſuͦndichen iemerlichin leyuͦens· Warvmbe in weys hie is neyt/ ya hie wiſte it/ ee / duͦ geboren wuͦrdis· In deme dat duͦ eme offenbairis dinen wech· So geyt hie hey dir zo bekennen vnd tzoyint dir die artzedie da mit al dyne wuͦnden geheilit ſoilen werden· Reuela Et̄ Offenbaire deme her̄e Wilchme heren· Deme groiſſen geweldichin barmherzichin heren· die alle dinck vermach vnd getruͦwe eme vnd hie ſal id doyn hie ſal id weirlichen doyn/ Offenbaire eme dine wuͦnden Want ney geyn ſeiche inbedoirte· der arzedien as ſo wail as duͦ deiſer arzedien bedairfs vnd getruwe eme hie ſal ſy heylen mit ſynen heiligen wuͦnden hie ſal id doin hie ſal id weirlichen doyn wes dir gebrichit an dir ſeluͦer an dinē vruͦnden/ of wat kuͦnne ſachen dat ſy vſwendich of ynwendich dat offenbaire vnd clage eme alleyne clagis du id eyman anders Dat in nemet hie neyt vuͦr guͦt getruͦwe eme hie ſal id vol doin Kinder deiſen weigin lagit der viant gar ſere· Want hie vortit dat eme dijs menſche intgain ſole vnd brengit eme ſinen vergyftigen rait in vnd ſpricht eme in/ wes ſitzes duͦ hie duͦ inkans is neyt gelyden duͦ in macht is neyt volherden duͦ inkans zo der neiſter wairheit/ nuͦmmer komen Duͦ inbis lichte neyt dar zo erweilt/ wes an nemes duͦ dich/ id in mach dir doch neyt geſchein/ Do as ander guͦde gemeyne menſchen die ouͦch tzo hemelriche koment halt die guͦde gemeyne wyſe die man vuͦr veirtzich iairen plach zo halden Kindˢ hie is noit dat der menſche wedˢſte des viandis bekoruͦngē vnd ſpreche ganck inwech boise wicht ich weys wail we duͦ bys Ich kennen dyn geruͦne waile Ich inkeiren mich neyt dar an· Is id ouͦch dat duͦ traich vnd ſlaifferich bys So erwecke dich vnd val vp dine kney of ſtant vp of mache eyne venie vnt neyt me vnd blift by dir ſeluͦer vnd getruͦwe vn̄ royfe got an Dat hie ſich ouˢ dich erbarme vnd mit alden reyſindē leyflichen worden die duͦ gevyſeren of gedencken kans machtuͦ in an ſprechen· In hais duͦ anders neyt So machtuͦ ſprechen hūdert ihˢus xpūs ihˢus alre leyfſte leyf myn ich wil vmmer me dyn eygin ſyn· Indeiſer wys of in wilchˢ wijs dir got geyt machtuͦ dich oyuͦen eynre miſſen lanck of zweier of as lange as duͦ id vermacht Svnder zo ſtuͦrringe dins houͦfdis vnd dinre natuͦren· Wāt der viant reidit duͦcke dat der M ·· zo veile doy vnordelichen vnde ſine natuͦre verderuͦe vnd alſo af laiſe da vuͦr huͦde dich vnde blijf by dir ſeluer mit eyme leyflichme guͦtlichen ynnerlichen zo voygin dins herzen vnd dins gemoitis in got vnd alſuͦs by blyuͦende ganck vp din bedde· vnde raſte in gode bys duͦ zo alt of zo cranck dat duͦ neyt vuͦr dat bedde komen in macht ſo ſitze dar vppe inkans duͦ neyt geſitzen ſo lich ī der decken· Want got kompt as balde vp dat bedde da man ſijn begert mit ſinre genaden as in die kirge· zo deiſer oyuͦuͦncgen is ouͦch neyman zo alt noch zo cranck noch zo ſtark noch zo geſunt hie in moige ſy waile volbrengen of hie wylt mit der helpen gotz Mine lieuͦe kinder in eruͦeiret uͦch neyt of uͦch got dit allit intzuͦyt vnd leiſit uͦch vp uͦch ſeluͦer in eyme wildin woyſtin daruͦendin ellendin helſchin duͦſterniſſe· Spera in eo Getruͦwe gode Want hie wˢdent deme menſchen ſine gebreche vuͦr gehaldin vnd hie vrdeilt ſij na der gereichticheyt· hin af komit gedrenge vnd noyt dat is moigelich· Want id in is geyn menſche wuͦrden eme ſyne gebreche vuͦr gehalden als ſy in yn ſeluͦer ſynt die id moichte erlyden hie in wuͦrde lichte ſynlois Id in were dan eȳ harde luͦter menſche nochtan ſoilde hie da iamer an ſeyn· Darūbe lidet uͦch oitmoitlichen vnd blyuͦet dar by vnd getruͦwit gode· wāt der vuͦrſter der werilt wirt hey vs geworpen vnd der menſche neckit hey deme riche godis vn̄ der ſtoyl godis wirt hey bereyt mit dem vrdil vnd mit der gereichticheit godis· Juſticia et iudiciū preparatio ſedis tue· he komet der ander verſe Et educet qͣi lu· iꝰ· t· et iudͥ t· tamqͣ; me ſbˢ· eſto do· et ora eū Hie ſal vs leyden as eyn licht dine gereichticheyt vnd dyn vrdil as den middach bis dem heren vnder dayn vnd beyde in an Kinder dat licht vnd die vreuͦwede vnd die wuͦnne die ſich hie offenbairt den die ſich in deiſen vuͦr geſprochenen wiſen indˢ wairheit vs geleiden haint mit oitmoidicheit dat inkan neymā geworden vnd dat is ouͦer alle menſchlich begrijf vnd vˢnuͦnft Want minne offenbairt ſich ſeluͦ hie mit irre geweldicher craift her vp ſpricht ſent iohannes in den ewanglio Quod fcm̄ eſt in iᵽo vita erat et̄ Dat geworden is dat was eyn leyuͦen in eme vnd dat leyuͦen was eyn licht dˢ menſchen/ Dit leyuͦen vnd dit licht dat dˢ menſche ewilich is geweiſt in gode dat luͦchtit eme hie in vn̄ des inkan ſich got van mynnen neyt inthalden Want id is ſyne ewige ordenuͦnge vnd dit licht luͦchtit indeme duͦſterniſſe Dyt is dat duͦſterniſſe dat ſent dyoniſiuͦs in wyſit· Hie komet der middach dat is die vuͦriche mynne· hie wirt waire vnderſcheyt vnde wyſheit geboren des nemet nuͦ mit vlijſſe war des is noyt· Want die zijt ſal komen dat der menſche gerne vnderſcheyt van den leirerin hedde vnd id inſal eme neyt moigen werden Die id dan van inbynnen hait die is wail drain Die ſich nuͦ neyt in vlijſſiget dat id van inbynnē geboren wˢde de moys is dan daruͦen vnd darzo lichte ewilich/ Darumbe is id noit dat der menſche dat ouͦge dˢ beſcheidenheyt alzijt offen gekerit hauͦe vp deiſen gruͦnt eſto dn̄o· Bys vnder denich dem heren hie wirt der wille zomail gevangen van gode vnd eme alſo vnderdayn dat hie ſich zo grūde leiſet in al die ellende daruͦende duͦſterniſſe der got ouͦer in verhengen wilt vnd wilt ſich gerne da ynne lyden bys an den yuͦnxgſten dach of id god woilde vn̄ der menſche inſal ouch anders neyt willen noch begeiren dan dat ſeluͦe· Hie beyt der mēſche got ane indeme geyſte vnd in der wairheyt hie wir der menſche van gode geeſſin vnd zobyſſin vnd geſluͦnden vnd verdauͦwit vnd vereyngit mit eme as die ſpiſe van deme menſchē wirt geeſſin vnd mit eme wirt vereyngit· Alle die menſchen die diſme gruͦnde leyuͦent vn̄ die in mynnēt vnd begeirent eme na zo gayn na irre macht die moigint zo deme eidelen ſacramente gain as dicke as ſy is begeirent Want ir vortganck vnd ir zo nemen inluͦtergeyt/ vn̄ in gotlicher wairheit/ is wuͦnderlichen groys indeme heiligen ſacramente Darvmbe ſo wanne der menſche ſich vindit ī deiſer oyuͦuͦngen vnd in deiſen weigē So mach hie zo deme heiligen ſacramente gayn So wanne hie hin af leſit ſo laiſe hie ouͦch dat heilige ſacramente· Want die gotliche mynne is ſo zart dat ſy ingeyne vngelicheyt by ir lyden in mach Die ander menſchē die dieſen gruͦnt neyt in mynnent of die mit eygenſchaf ſich ſeluͦer beſeſſen haint als ich veil menſchen vuͦnden hain die vā groiſſer heilicheit ſchenen vnd doch as vol eyginſchaf waren Wa man ſy vp ſich ſeluͦer wiſen woilde des in moichtin ſy neyt lyden vnd bleuͦen dat ſy waren· Wat deiſer menſchen is die ſeyn we ſy den eydelen licham vns heren neymen Sy moichtin ī leiuͦer in der buͦſſin laiſſen wāt ſy werdent ſchuͦldich an eme na deme dat ſent bernart ſpricht Wie van gode neit geeſſen wirt Die inſal ouͦch got neit eſſen· Manduco xpm̄ et manducor ab xpō· Ich eſſin xpm̄ vnd werdin geſſen van eme Noli emulari Lieuͦe kinder alle die menſchen die dieſin gruͦnt neit ī mynnent noch ī begeirent eme zo dem leuͦen der vnderwyndet uͦch neyt/ noch in vrdelt ſy ouͦch neit beuͦeilt ſy gode vnd laſit ſy gewerden vnd nemet ir dys grūdis war van ī bynnen vnde leirt uͦch oyuͦen indeiſen vſwēdichen oyuͦuͦngen Dat is wachē vn̄ vaſtin mit beſcheidenheit vn̄ ſwigē dat ſy die dirde oyuͦūge vn̄ vlyſſiget uͦch an eynē ſtedin bi bliuͦendin ī wendichen ernſt ī allen vren wˢcken· Ir hait vele ſchoinre groiſſer heirlicher wercke as zo kore gain syngen lieſen vnd andere guͦde wˢcke veile wa die vs diſme grūde gruͦnde geſcheint so deynent ſy alle herzo vn̄ vuͦrderent ſere Euͦer wa ſy vs diſme grūde neyt in geſcheint da brengent ſy wenich vruͦchte of ingeyne· Darvmbe leirt deiſe weige wandelen al die id dach is dat ſy uͦch neyt inwˢden vnder gangen des in wart ney ſo groiſſe noit as nuͦ is· Dat wir dieſe weige vn̄ deiſe oyuͦuͦngē alſo eruͦolgen ī der zijt· dat wir dat erkrigen darzo dat vns got erweilt hait ī der ewigeit des helpe vns got Amen · Fac hͦ et viues Lieuͦe kinder nuͦ bliuͦet by uͦch ſeluͦer eyne wile vn̄ inloifet neyt in wech vnd laſit dat wort godis ī vch wircken vn̄ dat ſoilde eyn eywelich menſche doyn as hie dat wort godis gehoirt hedde vnd ſuͦnderlichen alſus inwendiche leire ſo ſoilde hie ſich dar zo keirē vnd da by bliuͦen gelicher wys as of hie dat heilige ſacramēt intfangen hedde·· Beati oculi qui vident q̄ vos videtis Selich ſint die ouͦgen die dat ſeynt dat ir nuͦ ſeyt· Want vyl koinncge· vnd ᵱpheten begeirden zo ſeyne dat ir nuͦ ſeyt vnd ſagēs neyt vnd zo hoiren dat vnd in hoirtens neyt· Do quͦam eyn meiſter van der ee/ vnd woilde vnſen heren· verſoicken vn̄ in dar neder wˢpen vnd ſprach Meiſter wat ſal ich doyn· dat ich dat ewige leyuͦen beſitze· Vnſe here antwˢde eme guͦtlichen· alleyne hie doch wail wiſte dat ſyne meynuͦ̄ge valſch was we leys duͦ in der ee / do ſprach he· Dat man got ſal mynnen van alme hˢzen vnd ſelen vn̄ van alme gemoite· vnd dinē neiſten als dich ſeluͦer / Do ſprach vns here dat do vn̄ duͦ ſalt leyuͦen· Nuͦ neymē wir dat eirſte wort Selich ſint die ouͦgen die dat ſynt dat ir ſeyt Der menſche hait zweier leye ouͦgen vſwendich vnd ynwendich vnd in weren die ynre ouͦgen neit ſo weirt eyn harde ſnoide cranck dinck mit deme vſwendichme ouͦgen vn̄ vmb den menſchen altzo maile vnd ſo were der M ·· as eyn ander vey of deir· Leyf kinder we macht nuͦ syn dat die eydele vernuͦnft dat ynwēdiche ouͦge alſuͦs bermlichen vˢblent is dat id dys wairen lichtis neyt inſijt· Dys mordige ſchade is dan af komē da is eyne dicke groyuͦe huͦyt eyn vel ouͦer getzoigen Dat is mynne vn̄ meynūge der creaturen yd ſy dˢ menſche ſeluer of getzwat des ſins· vnd van deme is der M ·· blint vnd douͦf worden ſy ſin in wilchme ſtade dat ſy ſin weriltlich of geiſtlich vn̄ hie mit/ geint ſy zo deme heiligē licham vns heren ſo ſy medar geynt· ſo ſy duͦuͦer vnd blinder werdent vnd die huͦyt ey dicker wirt· Kindˢ wan af weynt ir dat dat kome dat dˢ M ·· inſynen grunt in geyne wys neit komen in mach· Dat is des ſchoilt da is as manige gruͦweliche dicke huͦyt/ ouˢ getzogen Reichte as dicke as oyſſen ſtirnen die hayt eyme ſyne ynrichͭ alſo verdeckt dat got noch hie ſeluˢ neyt dryn in mach· Wiſt ſoilich M·· mach dryſſich of veirtzich hude hauͦen dicker ſwartzer hude as beyren huͦde· Wilch ſint diese huͦde dat is eyn eiclich dinck da duͦ dich mit willen zo keirs· Dat ſy moitwilgeyt aen worden an wercken an guͦnſt an vnguͦnſt homoitgeyt eygenwilgeyt beheygelicheyt dyns ſeluͦes hartmoidicheyt lichtuˢdicheit vnbehoitſamheyt der wandeluͦnge et̄. Dieſer gelich die machent alle dicke huͦde vn̄ grois middel· die deme menſchen die ouͦgen verblendent Ane as balde as der M·· dit mit leyde an ſijt in ſich oitmoitlichen des gode ſchuͦldich geyt vn̄ ſich wille hait zo beſſeren na ſynre macht zo hantz: ſo wirt is alze guͦt rait of ecker ſich dˢ M·· oitmoitlichen bekent· ſo wˢt is allis gut rait· Suͦlche luͦde dē is reichte wat mā inſait dat in geyt in neyt me yn dan of ſy intſlaifen ſyn· Alſo ſint in die vel vur den ougen gewaiſſen/ de afgode die inwillent ſy neyt laiſſen wilcher kvnne ſy ſint ſy doynt als verſare deide die vp die afgode geinck ſitzen Die bilde die man van den hait die machent die hinderniſſe vnd die vel vallent in vuͦr die ynwendige ougen vn̄ oren dat die ouͦgen der vˢnuͦnft neyt in kvnnen geſeyn dan af dat ſy ſelich wˢden ſoilden· Selich ſint die ouͦgen die da ſeynt dat ir ſeyt· Vnſe here ſprach dat ſine yuͦngere ſelich weren van irme geſichte· wil wir nuͦ proyuͦen reichte ſo ſolen wir wail ſelich ſyn· want wir ſein ſein vˢre me van vnſme heren ihˢu xᵽo wā die yuͦngˢ daden· want ſente peter of ſent iohˢes ſy ſagen eynen armen crancken lidelichē doitlichen M·· vuͦr in gain vn̄ wir bekennen in deme heiligē gelouͦuͦen eynē groiſſen wirdichen got vnd here die hemel vnd erde vnd alle creatuͦren van neyt gemacht hait· ſein wir dyt nuͦ reichte an ſo ſint vnſe ouͦgen vn̄ vnſe ſele ewiclichen ſelich· Vnſe hˢe ſprach eyns is noyt· wilch is nuͦ dat eyne des alſo noyt is· Dat eyn is dat duͦ bekennes din neyt dat dyn eygen is dat duͦ bys· vmbe dyt eyn haiſtuͦ vnſme heren as anxſte gemacht dat hie bloit ſweiſde vmb dat eyn dat du neit ī woiltz willen bekennen· ſo reyf hie an deme cᵛce Got got myn we haiſtuͦ mich gelaiſſen· want dit eyn des noit is als gar van allē M·· ſoilde vˢlaiſen ſin· Leyf kinder laiſt vairen allit dat ich vn̄ alle leirer ey geleirden vn̄ alle wirclicheyt vnd ſchouͦwelicheit vnd ho Contemplacie vnd leiret alleine dit eyn dat uͦch dat wˢde ſo hait ir wail gearbeyt· Dar vmbe ſprach vnſe here maria hait dat beſte deyl erweylt· ya dat beſte al in der wairheit kanſtuͦ dit alleyne gerachen· ſo heiſtuͦ al geraicht neit eyn deyl ſuͦnder al al· Dit in is neyt dat ſuͦlge luͦde kvnnen als vˢnuͦnftlichen ſagen uͦan irme neitte vn̄ as oitmoitlichen reichte as of ſy die eidel duͦcht reichte weiſelichen beſeſſen hauͦen· vnde ſeluͦen ſint in irme grūde groiſſer dan der doyme ſy· Deiſe willen quͦanzuͦs ſchinen dreigent ſy die luͦde· ſi dreigent ſich alre meiſt Want ſy ſint die inder wairheyt bedroigen· bliuͦent· Kinder dys gruͦnt die is weyngit M·· bekant· zelt dat druͦ M·· hie ſin die dit an gee dit in is neyt indeme gedancke noch in der vˢnuͦnft ane intruͦwē id hilpt gar waile darzo dat man ſteitlichen vuͦr ſich neyme vnd van vlijſſe kome zo weyſen vliſſige oyuͦūge macht zo leſt formlich vn̄ weyſelich as balde as mā eynges vp ſcheiſſens gewar wirt inwendich of vſwendich in eite Dan alzo hantz nedˢſincke in den alre deifſten grūt ſnellichen ſvndˢ meiren in den grūt/ intſincken in dyn neyt/ ſo koment ſuͦlge vn̄ doynt al dage dit of dat: Dat leyuͦen vns heˢn vn̄ alſuͦs vnd alſo· Leif kint heilſtuͦ van eyngme doyne of wyſen die duͦ gedoyn macht/ af eyt doige· ſo weirt veil beſſer dat duͦ neyt ī deytz vnd keirdes dich in dyn luͦter neyt/ neyt doigen/ neyt vˢmoigen dan duͦ in alre weriltlicheyt ſtoindes inwendich of vſwendich vnd duͦ dins nichtis vˢgeys= Nuͦ heyuͦen wir den vſſeren menſchen ane· Sich ane wat bys duͦ· wan af bys duͦ komen· van eynre vnvleidigˢ vuͦlre boyſer vnreynre mateirien die vnmoigelich vndˢ eyne vngeluͦſt is an ir ſeluͦer vnd ī allen menſchen· Nuͦ wat bis du worden eyne vnreyne ſtinckinde ſack vol ſtruͦnſis · vnd geyne ſo reyne ſo eydel ſpijſe noch dranck indich inkompt noch ſo ſchone noch ſo reyne id in wˢde vnvleidich inſtinckende van vnreynigeit in dir vn̄ id inhait neyman den ander ſo leyf vnd darvmbe ſich dicke ſins ewigen leyuͦens hait getroiſt vnd eyn ewige helle hait gemacht ſtiruͦet hey dat hie moige by eme gelyden hie in vley in me dan eyngē vuͦlin huͦnt· Nuͦ hait got alle creatuͦren weder die natuͦre geſat Der hemel die ſvnne die ſterren nuͦ vorſt nuͦ hitzde/ nv rayn/ nuͦ ſne nu is dir wail nuͦ zo hantz we/ nu huͦnger nuͦ duͦrſt/ nuͦ die vuͦlye / nuͦ die ſpynnen nuͦ die vleyge nu die vlo indeiſer inkanſtuͦ dich dicke neyt erweiren· Nu ſich we die dvmme vey heirlicher ſint in irre natuͦren in wayſint ere cleyder da mit genoicht in/ iſt warm iſt kalt vnd duͦ moiſt van in borgen dyn cleyt vnd van deme ſaluͦen armoide neymes duͦ luͦſt genoigde vn̄ houart is dat neyt eyn ſprecheliche blintheyt· Deme vey deme genoigt an ſpiſen an drancke an bedden as got gemacht hait Nuͦ ſich wat gehoirt wunders darzo dat dyne arme natuͦre inthalden wˢde vnd da ane nympt man darzo groiſſe geluyſt vn̄ den groiſſe gebrech an der nutzungen der doder vey/ hey vuͦrmails als die heiligen ſoilden eſſen ſo weynden ſy vnd as ſy ſoilden ſteruͦen ſo laichden ſy· Nuͦ ſich vort an dyn neyt/ wat haiſtuͦ iamer in dynre natuͦrē beydiſtuͦ gerne vaſtiſtuͦ waghiſtuͦ gerne/ wat wirt hin vys Dat duͦ woilt des in deyſtu neit vn̄ dat duͦ neyt in woild dat deiſtuͦ wat wunders ſteit dicke in dir vp van manigˢ gruͦwelicher bekoringen/ vn̄ ſich wey manige gebreche vˢhengit got ouͦˢ dich inwendich vn̄ uſwendich ecker dat duͦ dit eyn geleirs des noit is/ gehalt dich wale got verhengt is allit vmbe din beſte dat duͦ mit al diſme ī dyn neyt gerachis vnd is dir dit vyl lichte beſſer dan dat duͦ in groiſſen dingen ſtoindis Leyf kint intſinck in den grūt in dyn neyt/ vnd la den torn mit al den clocken vp dich vallē la al die duͦuͦel die in der hellē ſint ouˢ dich komen hemel vn̄ erde mit allen creatuͦren id ſal dir allit wuͦnderlichen deynen ſinck ecker duͦ dir wirt dat alrebeſte al· Nuͦ ſprechent ſy here ich gedencken al dage an dat lyden vns heren we hie ſtoint vuͦr Pylatuͦs vnd vur herodes/ vnde an dˢ ſuyl vnd da in da· Leyf kint ich wil dich leire· Duͦ ſalt alſuͦs dinen got anſeyn neyt als eynen luͦteren menſche ſvnder ſich in ane den alre groiſſen geweldichſten ewigen got die hemelrich vnd ertrich mit eyme worde gemacht hait vnde zo neitten machen mach· vn̄ die ouˢ weyſelich vnd ouˢbekentlich is dat die woilde alſo zo neitte wˢden vuͦr ſine arme creatuͦren/ vnd ſchame dich duͦ doitlich M·· dat duͦ ere vnde vuͦrdil vnd ey houͦart gedeichtis · vnd vndˢ druͦcke dich vndˢ dat cᵛce wa id her komet vſwendich of inwendich boyge dyn houͦerdige gemoite vnder ſine dornēcrone vnd voilge deme gecruͦgitme gode mit vndˢworpenme gemoite in waire vˢcleynuͦngē dins ſeluͦes ī allen wyſen inwendich vnd vſwendich· Sint din groiſſe got alſo zo neitte is worden· vnd vervrdelt is van ſinen creatuͦren vn̄ gecruͦczgit is/ vnd geſtoruͦē is/ alſuͦs ſalt duͦ mit geduͦldichme lyden/ vnd mit oitmoidicheit/ dich in ſyn lyden erbilden/ vn̄ dich dryn druͦcken Nuͦ in doint dis die luͦde neit ayn eyn eicklich denckt wail an dat lyden vns hˢren ī einre vˢloſſchenre blindˢ mynnē/ alſo dat dˢ gedanck vnd die oyuuͦ̄ge neit inwirckt dat hie ſins gemachis· of houͦart/ of lijfliche genoigde der ſynne darvmbe ībeyren willen/ vnd bliuͦent allit as ſy ſint of wie weyngit vruͦgt brengt dat mīnnencliche lidē an den luͦden= Leyf kint alſuͦs ſalt duͦ dat heilige liden vns heˢn ouͦerdencken/ dat id leyuͦendige vruͦgt an dir brenge/ vnd duͦ ſalt dich ſeluͦer vˢneitten/ vn̄ ſalt dich laiſen druͦcken Leyf kint ſich vnd gedencke/ dat manich duͦſint M·· ī der hellen ſint die lichte ney as veyl vnerdicheit an in ingewūnen/ vnd hedde in got als veyl lichtis gegeyuͦen/ vnd as manich grois guͦt gedain/ as hie dyr hait gedayn/ ſy weren dir vngeliche worden/ vnd hie hait dyr geſchoint vnd din gebeit vn̄ hie hayt ſy ewilichen vˢdoymt dit ſalt duͦ dicke an ſeyn vnd ſalt eynē trayn waſſers neyt mit vriheit noch mit vˢmeſſenre gedoirſtigeyt neyt doirren neymē· dan mit oitmoidicheyt nuͦtze alle dynck na noittuͦrft dinre crancheyt neyt na genoigden/ So koment ſuͦlge vnd ſaynt van as groiſſer vˢnūftigen ouˢweiſelichen dingen reichte alz ſy ouˢ die hemel ſin gevloigen/ vnd ſy inquͦamen noch ney eynen trijt/ inſich ſeluˢ / an bekentniſſe irs eygen neittis/ ſy moigen wail ſin komen zo vˢnuͦnftigˢ wairheyt/ ſuͦnder zo leyuͦender wairheit die wairheyt is dar zo kompt neyman dan duͦrch deiſen wech ſins neittis/ we deiſen wech neyt gegangen ī is die ſal mit groiſin ſchādin da ſtayn da alle dinck intdeckt ſolen werden/ Och kindˢ/ dan moichtē ſuͦlche willen dat ſy ney geiſtlichē ſchyn gewuͦnnē inheddē/ vnd dat ſy ney van vernuͦnftigen dingen inhedden horen ſagen noch da mit vmbe gegangen noch as groiſſen namē ney inheddē gewuͦnnē/ vnd ſoilen dan wūſchen dat ſy al ir dage mit deme vey hedden vp deme velde gegangen/ vnd ir broyt mit irme ſweiſſe gewuͦnnē heddē Kindˢ id kompt dˢ dach dat got voirderūge doyne ſal van den mynnenclichen gauͦen die hie ſo miltlichen vmbe ſtrouͦwet inder man ſo krenclichen nuͦ gebruͦcht ſvnder alle vruͦcht· Dieſe vˢcleynuͦnge ī ſal neyt brengē eyne zwiuͦelige vorte as die zwiuͦelere ſvndˢ/ Si ſal wircken eyne oitmoidiche vndˢ val vndˢ got vn̄ vnder alle creatuͦren ī reichtˢ gelaiſſenheyt· Hed ouͦch nuͦ der M·· in eyme eyt vuͦr oitmoidicheit ſo weirt valſch· Darvmb ſprach vns here/ yr inwert as. dyt kint et cetˢa/ neirgen af in ſal man halden Laiſt die cleynē zo mir komē/ Dat ertriche dat is dat alre nederste van al den elementyn vn̄ hait den hemel van ſinre nederheit alre meiſte gevluͦwen· vnd dan af ſo iait eme dˢ groiſſe hemel mit alre craift na/ vnd ſvnne vn̄ mayne vnd alle die ſterren/ vnd wirkent die alre groiſte vruͦcht indˢ erden vuͦr al den hoen ouˢſten elementin ſo wa ouͦch der dal alre deifſte is dar vluͦſt des waſſers alre meiſt· Die diele ſint vyl vruͦchtber gemeynlichen dan die berge· Dieſe waire vˢcleynuͦnge die vˢſinckit indat gotliche inrelige afgruͦnde· Kindˢ da vˢleyſent ſy ſich alzo maile in reichter waire gelouͦnen irs ſeluͦes / abiſſuͦs abiſſuͦm/ invocat dat afgruͦnde dat inleyt dat afgruͦnde· Dat geſchaffen afgruͦnde dat inleyt van ſinre duͦyfde weigen ſin deyfde vnd ſin bekant neyt Dat treckt dat vngeſchaffen offin afgruͦnde in ſich vnd da vluͦſt dat eyn in dat ander vnd wurt da eyn eynich eyn/ eȳ neyt indat andˢ neyt· Dat neyt da ſent dyoniſius af ſpricht dat got neyt in ſy allit dat man genennen of vˢſtayn of begrijffen mach· Da wirt der geyſt als gelaiſen in deme woilde ingot altzo mail zo neit machen· vnd moicht hie indeme zo maile zo neyt wˢden/ hie wuͦrde van des leigtis mīnen in dat hie vˢſmuͦlzē is/ want hie in is neyt hie in mynt neyt eme inſmacht neyt wan dat eyn= Kinder deiſe ouͦgen die alſuͦs ſint ſeinde worden die ſint wail ſelich vnd van deiſen moigt vnſe here wail ſprechen dat wort Selich ſint die ouͦgen die dat ſeint dat ir ſeyt Dat wir nuͦ alle dan ſelich moiſſen wˢden ouˢmitz eyn ware geſichte vns eygen nichtis des helpen vns got amen Eſtote ergo miſericordes ſicut et pr̄ ur̄ miſericors Scn̄s lucas die ſchrijft indem ewangelio Dat vnſe hˢe ſprach zuͦ ſynen yuͦngeˢn ſijt barmhˢzich als vr vader barmhertzich is In vrdeilt neyman dat ir neit vˢuͦrdelt inweirt In vˢdoympt neyman dat ir neyt vˢdompt inwert/ Suͦndˢ vergeyuͦet dat uch uˢgeyuͦen wˢde/ vnd geyuͦit dat uͦch gegeyuͦen wˢde/ Sy ſolen eyne guͦde maiſſe vnde eyne volle vnd eyne gedruͦckde vnd eyne ouˢvluͦſſige maiſſe uͦch geyuͦen in vren ſchois vnd mit der ſeluˢ maiſſen da ir mit meiſt da mit ſal man ouch uͦch weder meiſſen et cetˢa In diſme ewͦ werden wir zwey dinck geleirt Dat eyne heyst vns here dat wir doyn ſoilen· vnd dat andˢ is dat wir ſulche dinck laiſſen ſolen/ hey is eyn doin vnd eyn laiſen Dat doyn dat vns hie vuͦr wirt gelaicht dat is dat wir ſolen ſin barmhˢzich Dat laiſſen dat is wir inſolen neyman vˢvrdelen Kindˢ van diſme ſynne hain ich geſprochen we ſorglich vnd we enxſtlich dat is dat eyn M ·· den andeˢn vrdelt vnd dat ſich eyn eiclich M ·· wail bedarf vuͦr ſich zo ſeyne we hie ſich hie an bewaire· Want dˢ muͦnt dˢ wairheit die ſprach alhie mit dˢ ſeluˢ maiſſen mit der dat ir vys meſt mit dˢ man uch weder in ſal meſſen in alre wyſen/ biſtuͦ vyl bārmherzich ſo ſaltuͦ vyl barmhˢzicheyt vinden/ biſtuͦ wenich ſo ſalt duͦ wenich vinden/ In byſtuͦ neit barmhˢzich ſo inſaltuͦ neyt bar̄herzicheit vinden· Dieſe barmhˢzicheyt ſal der menſche vinden vn̄ oyuen an ſyme gemoite inwēdich/ alſo dat hie in eme vinde eyn gruͦntlich truͦwelich mitlyden mit ſyme neiſten/ ſo wa he den ī lydene weys id ſy īwendich of vſwendich/ vnd ſal mit hˢzelicher mit liduͦngē van gode begeiren/ dat hie in troiſte· Kanſtuͦ ouͦch eme vſwendich gehelpen id ſy mit raide of mit gauͦe Id ſy mit worden of mit wˢkē as verre alſt an dich komit dat ſaltu doyn Inkanſtuͦ neit vyl gedoyn ſo do duͦ doch ey getzwat id ſy mit īwendiger of in vſwēdicher barmhˢzicheyt of ſprich eme doch eyn guͦtlich wort zo· vnd der wyſen ſo haiſtuͦ diſme genoich gedain vnd ſalt eynen barmherzichen got vinden= Nuͦ dat ander wort duͦ īſal neyt uͦrdelen dat duͦ neyt geurdelt in wˢdis· Kindˢ wiſſit dat deiſer gebrech alſo groiſſen mordigen ſchaden eitzzuͦnt deyt gemeinlichen vndˢ den luͦden dat dat eyn vngeproyft vn̄ vngetzalt wundˢ is/ Kinder doyd we vyl guͦder wˢcke ir wilt van groiſſen vſwendichen wˢken vn̄ vpſetzen wilcher kvnne dat die ſyn· Der guder wercke hait der duuel ſynen ſpot of ir in diſme gebreche ſteyt Neyman in neyme ſich des an dat hie des anders richter ſy/ hie inhauͦe zo dem eirſten ſins ſelfs richtˢ geweyſt dat is vmmer wail eyn iemerliche blintheyt dat der M·· wilt vmmˢ van eyme anderen hauͦē dat hie na ſynen willen/ vnd ſyme behagene ſy· vn̄ hie inkūde ſich ſeluˢ ney gehauͦen mit alme ſime vlijſſe vn̄ arbeyt ſo in kuͦnde hie ſich ſeluͦer ney gemachē dat hie were als hie ſin ſoilde vn̄ als hie ſich gerne hedde/ Der M·· in ſal neymans gebrech groys wygen of hie wilt dat got ſyne gebreche ouͦer ſey mit barmhˢzicheyt nochtan dat dat hie vuͦr wair weys dat id zo maile boſe is nochtan inſal hie by ſyme lyuͦe nuͦ̄mer me draf gewagen · Der M·· ſal zo deme eirſten den balkē vſſer ſyme ouͦgen wˢpen ee dan hey dat ſtoif begynne zo wˢpen vſſer ſins neiſten ouͦgen/ Keirt uͦch zo uͦch ſeluˢ vnd neymet vrre eygenre gebreche war vnd neymans anders Is din ſtait alſo dat dirt gebuͦrt zo doyn ſo ſaltuͦ ſtuͦnden ſtaide darzo beyde in dat ſaltuͦ doyn vſſer mynnē vn̄ ſanftmoitlichen vnd mit eyme guͦdeme ſuͦſme antlitze vn̄ worden· ſchrijft ſent Gregoriuͦs vn̄ is groiſlichen den peyffen vˢboyden dat ſy neyt/ heirlichen in ſolen ſtraiffen· Die richtere ſint der kirchen/ wie geduͦrrit ir dan dat gedencken vuͦr gode vnd den luden Wiſt ir moicht alſo zo eynen maile vren neiſtē vˢuͦrdelen dat ir uͦch ſeluˢ vnd al vre werck vnd vr leyuͦen in gotz vrdel alſo werpt dat irt vuͦr gode nūmˢ ī verwint vn̄ dat uͦch got eyn gruͦwelich richtˢ wˢden ſal Duͦrch got huͦyt vre wort Dis lieden claiffens des is ſo wunderlichen vyl dat dat eyn iamˢ is vnd ir vˢleyſt da mit got vn̄ ſyne genade vn̄ vre ewige ſelicheyt ir inſvlt nūmer vren muͦnt vp gedoyn vn̄ ſoilt drywerf vch beraden of vr wort ſoilen ſyn zo dˢ eren gotz/ vn̄ vrs neiſten beſſeruͦnge vnd vch ſeluˢ vrede brenge īwendich vnd vſwendich Hervmb dat als vnmeiſich ſchade komit vā worden/ Darvmbe haint hey vuͦr mails die heilige veidere dˢ heiligˢ ordene mit alz groyſſem vlyſſe alle reiden verboiden ī den cloiſteren vp allen ſteiden/ ane vp eynre ſtat vnd dat ſeluͦe neyt ain ſvndˢlichen vrlof Den ſchaden de van worden komit Den īkuͦnde alle die werilt neyt gewyſſen· Nuͦ vort ſprach dat ewangliˢm van eynre guͦder maiſſen Dieſe maiſſe dat is des M·· gemoite da mit wirt gemeſſen indeiſer maiſſen ſo wirt got gemeſſen wat dir des wˢden ſal/ Leyf kindˢ nuͦ is die eidele maiſſe da got ſo wuͦnnenclichen ynne ſoilde woynen/ die is alſo intreint vn̄ intſuͦuͦert vnd als vol vuͦlniſſes dat got dar in neit in mach des eygene ſtat dat id van reichte ſoilde ſyn Dat is vol ſtinckedes dinges vnd erſcher vuͦlre letden ind miſtis Dit gemoite ſteyt reichte ſcheitligen zo pande die ſeluͦe ſtunde als duͦ zo gode ſoildes keiren indyme gebeide/ ſo ſteyt dit gemoite zo pande vn̄ duͦ bis is vngeweldich· vn̄ got ī mach neirgen dar in· neyn neyt duͦ hais die duyrwerder der creatuͦren dar vuͦr geſat die got des hinderent dat hie neyt drin ī mach vnd dar vmbe als duͦ alſuͦs beitz ane gemoite ſo in ſmacht dirt neyt want got neyt dynne in is· ſo vˢdruͦyſtz/ dich ſcheire vnd loifs vs leyf kint loiſe din gemoite van allen den enden da id zo pande ſteyt van al der mynnen vn̄ meynuͦ̄gen vnd guͦnſt dˢ creatuͦrē Wan ſal got in/ ſo mois van noit de creatuͦre vs/ Mache din vas ledich vn̄ halt dich vry vā ydelen bekuͦ̄merniſſen wan id inwart dem vuͦre ney als natuͦrlich vp zo gain noch eyme voigele alz licht zo vleigene alſt id is eyme reichtē leigdichme gemoite vp zo gain in got Ind darvmbe wyſt vuͦr wair ſoilē wir vmmˢ komē indē grūt gotz/ vnd indat ī geiſte gotz So mois wir zo deme alre minſtē tzeirſt komen ī vnſen eygenen grūt vn̄ in vnſe īgeiſte vn̄ dat ſal ſin ī lutere demoidicheyt· vn̄ da ſal ſich die ſele zo maile vp dragen mit allen eren gebrechen vn̄ al eren ſvnden vn̄ leygē ſich vuͦr die portze dˢ groiſſer eirtweirtgeyt gotz da got vs ſmiltzit ī barmhˢzicheyt vnd ouch ſal dˢ M·· ſo wat hey guͦtz in duͦygende van gotz genaden in eme vint da mit ſal hie ſich ſetzen vndˢ die portze dˢ mildigeyt gotz da got vs ſmiltzit inwyſen dˢ guͦden indˢ vnſprechelicher guͦden vnd mynnē/ as duͦ dich alſuͦs af zuͦys van al dyme vˢmoigen· vnd getzoigen hais van mynnē vnd bekūmerniſſe alre creatuͦren indich vp gedragen hays/ ſo is dan dar inboyuͦen dat dich die bilde dˢ dinge hinderent vnd duͦ deme neyt gedoyn ī kanſt alſt waile mogelich is· Leyf kint ſo nym id reichte vuͦr eyne oyuͦuͦnge vnd la dich gode hie in diſme vn̄ blyf by dir ſeluˢ vnd ī loyf neyt vs ſvndˢ lyt dich in diſme vn̄ ſprich mit groiſſer demoidicheyt lieuͦe hˢe erbarme dich ouˢ mich/ Deus in adiutorium meū etͣ Eya lieuͦe hˢe hilp drinck dich indich ſeluˢ / neyt begyn dā eyns anderen wercks· ayn allē zwiuͦel id uͦelt ſeluˢ auͦe vnde loiſt ſich/ als ich hain geſeyn als man ſiluˢ greift ſo ver weyſt ſich dat waſſer dat mans neyt wail gewynnē inkan/ ſo hait man gemacht mit behendichͭ dat ſich dat waſſer seluͦer vys ſchuͦyt vnd dan ſo vint man ſchatz/ die alle die koſt betzailt die druͦp vˢzeirt is/ vn̄ da oyuͦert groiſſe wȳnūge/ Alſo ſalt duͦ dich lyden / vnd laiſen deiſē druͦck in deiſe bilde in die widerweirdige gebreche die duͦ weder dyn gemoite vnd herze liden mois dich pingen Lieuͦe kindere nemet dys ho wirdigen roifes veyl dieger war dat ir vre volguͦnge ſeluͦer bekent vnd ouͦch van anderen bekant weirt vnd die vruͦchtbergeyt dis zo ganges des ho wirdichen ſacramentis dar an ir ſoild dys heiligen ordins in allen vren geſetzen gar vnd gar vliſſich ſin nv in mein ich mit deiſen allen geſetzen des neit dat eyne alde crancke ſuͦſter ſoile wat hin af vastē aue vſſerlich werck ſoile doyn inboyuͦen ire macht aue vre ſtille zo haldene in allen den tzijden vnd ſteiden alz ir van deme heilichme ordene· hait· kinder die vruͦcht vnd der nuͦtz die dan af kompt dat inkuͦ̄nde neyman bekennen noch gegruͦnden dat ander die ſeluͦe wort die man ſpricht die ſoilē ſuͦlen ſuͦſſe vnd guͦtlich vnd vredelich ſin intuͦert uͦch ein hart wortgin alzo hantz dat da eyn oitmoidich vndˢ val geſchey vnder got vnd vnder den menſchen kompt vch eyman an mit harden ſwaren ruͦſſchenden worden des in ſoilt ir mit neitte verantwˢden dan mit eyme goitlichme ſuͦſme antlitze vnd eyn wort auͦe zwey vnd neyt me ir ſoilt uͦrs ſelfs groiſſe war nemen dat ir ingein dinck mit luͦſt inbeſittzit af gebruͦcht auͦe haift of eynige behaguͦnge vrs ſelfs of eymans id ſy an cleyderen of an doicheren of an cleynoide of an geſpilſchaf vnd allis des ir noit hait na reiclicher ordeliger wijſen id ſin cleidere of peltze vnd der alz vil alz ir bedurft des gan vch got indˢ orden wail ir ſoilt hauͦen groiſſe broderliche mynne vnder eyn ander vn̄ eyn oitmoidiche vnder worpenheit eine der andere in mynnen vnd in guͦderteirenheyt nūmer ſwair gelays noch vreimtgeit eyne der andere vmbe eynich dinck dat gevallē mach vnder vch ir ſuͦlt uͦch oyuͦen an duͦgenclichen wercken in mīnē vnder eyn vnd ſoilt ſtriden mīnenclichen zo deinſtlichen wercken zo doyne vre einre der andere neit den vren ſuͦnder einre eyclicher aldˢ crancker ſuͦſter vnd ir dat werck vnd die buͦrde vſſer den henden vrolichen vnd guͦtlichen neymen vnd ir vuͦr dragen dat irt den vren doit wat nympt ſich got des an Dat doint ouͦch die heydenen as vnſe here in deme ewangelio ſpricht vnd aue ir nuͦ vmbe eynige guͦde oyuͦuͦnge wert an gewort aue geſpot auͦe verſmeyt des in ſoilt ir neyt verantwerden noch anden noch clagen in deme kore ſoilt ir ſuͦnderlichen vre stillen altzo vlijſen ſin alz an allen vnge vrloifdē ſteiden in deme dormitere vn̄ vyl andeˢn ſteiden halden in deme kore ſoilt ir mit altze groiſſer eirweirtgeit ſtain da vns heren licham intgainwordich inder wairheit is vnd mit neder geclagenen ouͦgen vnd mit zome gekeirtme gemoideme vnd verſamendeme gemoite vuͦr des ewigen konincgis intgain woirtgeit ind an geſichte ſtoinde eyne yuͦncfrauͦwe vuͦr eyme koinncge vn̄ ſy wiſte dat hie ſy ſunderliche ane ſeyge weir ſy ſinnich ſy ſoilde ire tzuͦch harde ſere byſen vnd harde eirbeirlich vnd getweiclichen vn̄ hoyuͦelichen ſtain we ſoilde dan eyn eiclich menſche mit allen ſynen creiften van inbynnen vnd van inbuͦſen ſtain vuͦr ſintz hˢen vnde goitz vnd irs vſſer weilden bruͦdegams angeſichte die uͦch ain vnderlais ane ſijt van inbynnen vnd inbuͦſſen· oich vyl lieuͦe ſuͦſteren ſuͦlt ir vr getzijde mit groiſſer eirwertgeit ſingen of leyſen vnd mit zo gekeirtme gemoite alz verre alz ir moicht ane wiſt vmbe ſichergeit vre Conſcienciē ſo is van gebuͦrt weygen genoich dat man die wort gentzlichen ſpreche vnd auͦe der gedanck dar by neit in is ſo indarf mans neit anderwerf ſprechen ſo betzailt mā wail mit den worden ſo id der menſche neit willens indoy vnd ouͦch neit indencke dat dar wederwordich ſy· Nuͦ ſpricht dat ewangeliū an iren vruͦchten ſal man ſy bekēnen alſuͦs ſint dit vr vſwendige vruͦchte an den dat ir uͦch ſeluͦer ſoilt bekennen vnd bekant werdē zo deiſer wyſen alle ſamen in us neyman zo alt noch zo cranck dat man hauͦe mynne vnd truͦwe vnder eyn ander vnd geduͦlt vnd ſanftmoidicheit Dit moichte eyn menſche halden vp ſime bedde of hie als cranck were oich nuͦ ſoilt ir vre vruͦchte bekennē inwendich dat is dat ir uͦch ſuͦlt afgeſcheydenclichen halden van alle deme des got neyt eyn waire ſache in is zijt verleyſen dat ſal van uͦch als eyn boiſe vergijfniſſe geaicht ſin ir ſuͦlt uͦch gerne in die winckele vn̄ in die eynoide machen in da leydenclichen mit gode uͦch vˢeynen vnd uͦp den bloinden boym clymmen des wirdigē leyuͦens vnd des lidens vns heren ihˢu xpī vnd in ſine clairrifitzeirde wuͦnden vnd da vort vp clymmen vp den doilden ſinre ho wirdiger gotheit vnd ſoilt in gain vnd vys gain vn̄ ſoilt volle weyde vinden vnd by dieſen vruͦchten al ſuͦiſliches leyuͦens ſoilt ir deiſer ouerwirdicher genaden des hoen ſacramentis mit groiſme nuͦtz vnd vortgange gebruͦchen vnd of nuͦ die guͦde ſuͦſteren die dit van vorten laiſſent dat ouch is guͦt vnd of dieſe wyſe in neit inbehait vnd of dan wail lidē dar uͦp veile of ſwair wijſen of wort als ingeyn guͦt werck in mach geſchein neit wail da in valle gerne lijden vp dat ſoilt ir vijl oitmoitlichen vnd ſenftmoiclichen verdragen vn̄ alleine dat wail guͦt ſy dat mant van deiffer verſuͦnkēre demoidicheit laiſe mer dit is vntzeilichen vnd vnbegrijflicher vijl vnd verre beſſer vn̄ merre dat mant van mynnen doy dˢ ſeiche der bedarf des artzeters vnd ſunderlichen ſuͦlches artzeters des by ſin geſuͦntheit is· die oitmoidiche vorte die inſal uͦch neit aftzein dat uch vre gebreche grois vur gehalden wˢdēt dat is eyn gewijs tzeichen dat dit heilige ſacrament an uͦch gewort hait wan zo gelicher wijs als die artzedie die ſuͦchte vſſerwert drijft dat ſi vs ſleit ſo ſchint dat der menſche geneiſen ſal vn̄ dat der menſche der ſeichtaghe vergain ſal alſo wanne deme menſchen ſine gebreche vuͦr dē ouͦgen ſinre beſcheidenheit ſere vnd grois erſchinen vnd eme ſere weder ſint dat is eyn grois wair zeichen dat der menſche zo grunde geſuͦnt ſal werden ſo wanne der menſche dat in eme vint dat hie gerne leifde nademe leifſten willen gotz vnd deide reicht vnd wail of hie id vermoichte vnd ouch dat id der menſche neit indoy van eyinger duͦmmer koinheit of vā eyniger blinder vermeſſenheit of eygenre guͦt duͦncklicheit vn̄ gedoirſticheit dan als hie deiſer vergijflicher boiſer dinge neit in eme in vint dan mach hie vrilichen vnd ſicherlichen vnd wail zo gain vnd ſo eme leyt is dat hie miſdain hait vnd ſo hie id dan na deiſen dingen alz ir hie gehoirt hait ſo hie id eyt dicker deyt ſo id ey beſſer vnd nuͦtzer vnd vruͦchtbeire is vn̄ vnd of nuͦ vnſe lieuͦe ſuͦſteren deiſer vruͦcht vnd dijs groiſſen guͦtz neit in kuͦnnen der wirclicheit gewarde des morgens zo hantz· want ſy moiſſen lichte ſijngen of leyſen of deme Couēte in allen voilgen alſt reicht vn̄ gewoinlich is lichte indeme rijfter hie allit ingeleit neit an ſo wardens na deme eſſene of zo veſperen of na der Completen dā komet vnſe here alz wail mit ſime wercke alz des morgens ward is vmmer dit hielige ſacrament dat wirckit vmmer wa id ſtat vint nuͦ oich lieuͦe ſuͦſteren vmbe deiſe vpuͦelle van deigelichē gebreichen vnd ſuͦnden der der menſche indeiſer zijt neit wail bewaire in mach da in ſuͦlt ir egeyne grois noit vmbe doin of ſy neit alle gebicht in wˢdent ſuͦnder mit alre oitmoidicheit vnd ernſte ſo ſoilt ur gode bichtē vnd vuͦr eme uͦch ſchuͦldich geyuͦen mit ruͦwen vnd mit alme ernſte vnd andaicht vn̄ man in ſal den bigtere neyt alz vyl ir zijt benemen ſuͦnder alſuͦlge dinck ſal man in einre gemeinden rurin vnd van reichte in gehorent neit zo der bicheit vā noittuͦrft dan doit ſuͦnde of deſe deigeliche ſunde vnd ſchuͦlde die vallent af mit ruͦwen vn̄ mit deme pater nr̄ mit kneyne vnd des geliches manigen dingen in hait der menſche neyt ruͦwe ſo haif vmbe dat ſeluͦe ruͦwe dat is ruͦwe dat man hauͦe ruͦwe vmbe ruͦwe in hait man neit begeruͦngen ſo begeire dat man begeire vnde minne die mynne vmb die mynne· Vnd vnder allen dingē ſo ſal man ſich oyuen an der wircklicher mynnen dat is vſſer maiſſen nuͦtzer vnd vruchtber dat is dat der menſche danckneme ſy des manichuͦeldichen guͦtz dat got eme vnd allen M·· vnd engelen hait gedain vnde keirt ſich mit allen ſinē creiftē in die groiſſe mynnen tzeichen die eme got bewyſt hait in allē wyſen vnd wercken gemeinlichen vnd eme ſuͦnderlichen vn̄ mit eme ſeluer in alme ſime leyuͦene vnd ſyme lydene vn̄ dar intgain draige ſine cleincheit vnd vnwirdicheit vnd vˢneicheit vnd lade hemel vnd erde vnd alle creatuͦren darzo dat ſy eme helpen dancken vnd loyuen want hie des neit invermach· vnd ſey dan her in mit eyme eynuͦeldichme an ſeyne alle die heilige criſtenhͭ leyuͦenden vnd doden vnd die in ſinre meynūgen ſint· vn̄ alle dieſe dinck do eyn inre mīnēclich begeirlich . vp draigen vn̄ in eyme eynueldichme anſeyne vnd in die ſuͦnderliche mynne des leyuͦens vnd des lydens vns heren ihˢu xᵽi dit allit mit eyme eynuͦeldichme ouͦerſeyne alz die duͦſint M·· ouͦerſijt mit eyme geſichte ind dit zo keiren des gemoitz dat ſal man dicke vnd dicke ernuͦwen blijclichen euͦer vnd euˢ vnd mit al diſme weder ī got vleiſſen wirclichen vnd vernūftlichen mit wirclicher mīnē vnd allit dat man ey van gode intfeinck ſich des ouͦch neyt an nemen mit egeynre eygenſchaft dan dragent eme zo maile weder vp vnd inſal ouch neyt draf halden dan van ſyme luͦterme neytte vnd armoide vnde laiſſen ouch ſin vraigen vnde dijſputeiren ſin af got ſy dat eme ſich inwendich intgain drayt vnd erbuͦt vnd alleyne ſte vp ſinre cleynheyt vnde vp ſyme luͦterme armoide vnde neitte dat hie in der wairheit is vnd laiſe gode dat ſin vn̄ hie keir ecker weder inſyn begyn alz vnſer here ihˢu xpī die was mit allen ſinen creiften alle zijt vp gekeirt den ouͦerſten inden nederſten· Wilch menſche· nu deme alre gelichſte eyn na volgen hait dat is der alre beſte wat̄ der menſche in mach neyt ſo lichtlichen noch ſo ſnellichen deme intſyncken neder wert hie in valle etzwat in vngelicheit· vnd werde eyn deyl intlutert dan ſal der menſche mit grūdeloiſer oitmoidicheit weder an heyuen vn̄ weder intblicken vnd ſincken weder in den vrſpruͦnck· Vnd dit allit durch dat leyuͦen vnd lyden vns heˢn ihˢu xpī ey eideliger dar duͦrch ey hoire vnd weyſelicher inder wairheyt vnd dat allit mit vercleynūgen der menſche ſins ſeluͦes in eyn gantz verneitten vn̄ ſal doyn auͦe dencken alz dat ſieche vrauͦwegin die ſprach· Auͦe myr dat geſchein moichte dat ich geroirte die veyſe ſins cleydes ſo werde ich ſicherlichen geſunt de bra of die veyſe ſins cleydes dat meint dat mynſte dat vanſȳre heiliger menſcheyt ey gevlois want dat cleyt is die heiliche menſcheyt of die bra mach mā meinē eynen droiffen ſins heilichen bloitz· nuͦ ſal der menſche dat bekennen dat hie dat alremynſte· van allen deiſen neyt ī mach geroiren van ſinre ſnoitheyt want moicht hie van ſynre cranckeyt die beroiren ſo wuͦrde hie ſuͦnder tzwiuͦel geſuͦnt van allen ſynē ſuͦchden · Alduͦs ſal der menſche vuͦr allē dingen ſich ſetzen in ſin neyt ſo wanne der menſche kompt vp den dulden alre volkomenhͭ ſo in wart eme ney ſo noyt nedˢ zo ſynckene in den alre deyfſten grūt vnd an die wuͦrzele der oitmoidicheyt· Want alſo als des boyms hoe kompt van der deyftē der wurtzelen alſo kompt alle hoe dys leyuͦens van deme grūde der oitmoidicheyt· vnd dat vmb want ſich deyſer publicanus bekanten in deme neiderſten· alſo dat hie ſin ouge neyt in doirſt erheyuͦen in den hemel Darūbe wart hie erhauͦen in die hoe· wāt hie geynck gereycht in ſyn huys Dat wir vns nuͦ alle moiſſen oitmoidichen in der wairheyt dat wir gereicht moigen wˢden Des helpe vns der vader vnd der ſvn vnd der heilige geyſt am̄ Repleti ſunt oēs ſpū ſcō et ceperunt loqui Si ſint al ervuͦlt mit deme heiligen geiſte vnd begunden zo ſprechen die groiſſe dinck/ leyf kinder der mīnencliche dach is hude dat der eidel duͦre ſchatz is weder gegeyuen die ſo ſcheidelichen vˢloren was indem paradyſe ouˢmitz die ſuͦnde vn̄ alre meiſt vngehoirſamheyt dat alle menſclich kuͦnne was uͦervallen in den ewigen doyt vn̄ was der alre mynnenclichſte heilich geyſt die eyn troiſter is alſo zo maile verloren mit allē ſinen genaden vnd troiſte vn̄ wairen alle menſchen vˢuͦallē in eynen ewigen tzo zorn gotz vnd inden bant des ewygen doyt · Dieſen bant den brach vns lieuͦe here ihˢus xpūs andeme heiligen kar vrijdage do hie ſich leys vangen vnd bynden vnd ſtarf an deme cruͦce do machde hie eine gantze ſoyne in tuſſchen deme menſchen vn̄ ſyme hemelſchen vadere Nu als huͦde uͦp deiſen dach ſo is die ſoyne beſteidichet vnd is der eydel duͦre ſchatz wedˢ gegeyuͦen die zo maile vˢloren was dat is der mīnencliche heilige geiſt van des richeit vnd mynnen vnd der vuͦldē die in eme is da inkuͦnden alle hertzen vnd alle verſtentniſſe neit by komen deiſer mynnenclicher heiliger geiſt die quͦam in die yuͦngere vn̄ in alle die ſin intfenclichen waren mit alz groiſſer richeit vnd volheit vnd ouͦervluſſichͭ vnd oͦuer goys ſy inwendich īn vſwendich gelicher wijs aue dˢ ryn vˢſchutzt were geweyſt in man dan dat middel dat hinderniſſe auͦe neme we hie dan myt volme vluſſe vnd ouerguſſe ſoilde komen ruſchen vnd duͦ ſchin alz af hie allit dat vˢdrencken vnd verſencken woilde vn̄ uoilte alle deyle vnd alle die kuͦylen die eme vuͦr weren Alſo dede der heilige geiſt den iuͦngeren vnd alle die hie ſin intfenclich vant vnd alſo deyt hie noch al ſtuͦnden ayn al vnderlays ſo vuͦlt hie vnd ouͦerguͦſt hie alle die grunde vnd alle die hertzē vnd ſelen ſo wa hie ſtat vijnt die ervult hie mit alle der richeit genaden mynnē vnd gauͦen vā den neyt zo ſprechene in is vn̄ ervuͦlt die deyle vnd deyfen die eme vuͦr gehalden ſint· Repleti ſn̄t om̄s· Weir id nuͦ nuͦ alſo als id was in helias getzijden do id was vuͦnf iair vnd ſeys maynde dat id neyt inrainde vnd man noch ſien noch eyrrē in moichte vnd of dan eyn ſuſſe volran quͦeme dat alle dit ertriche ervuͦlt vnd erquͦickt wuͦrde bleuͦe dan eyns menſchē acker vſgeſcheidenlige druͦyge vn̄ duͦrre dat ſoilde deme vnd allen ſinen vruͦnden ein vnlydelich ruͦwe vnd ſchrien machen Repleti ſunt om̄s/ ſy ſint alle ervuͦlt mit deme heilichme geiſte We mach dan deme zo moide geſyn des hertze vn̄ ſele vnd grunt ſin vſwendich vn̄ inwendich menſche zo maile duͦrre vnd ſchraf vnd genadeloys vnd mynnelois is bleuen vnd dys vnſprechelichen ouˢtreflichen troiſtis· nu ſolen wir prouͦen wat vns zo doyne ſte dat wir deiſen ouˢwirdichen heiligen geyſt moigen intfain die neiſte vnd die alre hoiſte bereyduͦnge inzo infain die moys hie ſeluͦer machen vn̄ wircken in den menſchen hie moys die ſtat ſeluer bereidē zo eme ſeluͦer vnd moys ſich ſeluͦer ouͦch intfain inden menſchen wat is nuͦ ſin wˢck mit deme dat hie den M·· bebereyt ſich ſeluͦer zo intfain der heilige geiſt der hait zwey werck inden menſchen Dat eirſte is dat hie ydelt· Dat ander dat hie vuͦlt dat ydel als verre vnd als veyl als he ydelt vint Dieſe ydelheit die is die eirſte vnd die groiſte bereyduͦncge den heiligen geiſt zo intfain want reichte als verre vnd als vijl als der M·· geideilt is als vijl vnd als vijl me is hie infenclich want ſal man eyn vaſuͦuͦllen ſo mois tzeirſt vs wat dynne was ſal wyn dryn ſo moys dat waſſer vs· want zwey mateirliche dinck in moigē neyt in eynre ſtat geſyn ſal vur in wyn ſo moys waſſer van noit vs want ſy ſint cōtrarie alſo ſal got in ſo mois vā noit die creatuͦre vs id moys van noyt allit danne id ſy in wilger wyſen dat dat ſy id mois allit danne dat in dir is vnd an genomen is· nv moys die deirliche veiliche ſele in alre wyſen af ſal die vernuͦnftliche ſele inden menſchē gegoſſen werden alſo moys ſich der menſche ſich laiſſen vangen vnd ydelen vnd bereiden vnd al laiſen· vnd des ſeluͦen laiſſent alz gar vnd alzo mail vs gain vnd laiſen in dan af vnd van alle deme neyt inhalden dan vallen in ſin lutˢ neyt auͦe ſicher hie verdrijft vnd veriait den heiligen geiſt in eme zo wirckene inder hoiſtˢ wyſen an deiſen wech inwilt neman So wanne deiſe bereyduͦnghe in den menſchen geſchuͦyt dan altzo hantz ſo wirckt der heiliche geiſt dan ander werck in den bereiten menſchen hie vuͦlt altzo maile alle die intfenclichͭ ya of duͦ wail inder wairheit geydelt byſt· ſo intfeys duͦ ouch vijl alz dys min alz vijl geinz me eygenre mynnen eygenre meynunge eygens willen ya des ſoildis duͦ als gar ſin vys gegangē ſtoinde dat hemelriche vuͦr dir offene duͦ inſoildis neyt willen dryn gain duͦ inſoildis tzeirſt war nemen of id got alſo van dir hauͦen woilde/ in eodem loco dat is alleyne die ſtat in der dat der heilige geyſt wirt gegeyuͦē vnd ervuͦlt altzo maile ouch dat der menſche vint ſich in vngeſichtlicheit vnd inſwairhͭ vnd in traicheit ſinre natuͦren weder ſinen vreden vn̄ hie dem neyt gedoyn inkan indeme ſeluen ſal hie ſich ſins ſelfs ydelen dat hie ſich gode da in̄e laiſſe vnd lyde ſich indeme ſeluͦen ane bekoruͦncgen dat vn̄ allit dat vp den menſchen gevallen mach dat ſint die wair armen des geiſtis die ervullit der heilige geiſt vnd duͦſtzt inden menſchen dat is hie guͦſt in mit alme ſyme rijchdoyme vnd alme ſyme ſchatze ſynen inwendichen vn̄ ſinen vſwendichen menſchen ſine kreifte inwendich vnd vſwendich ouerſten vnd nederſten vnd des menſchen doyn is her zo dat hie ſich laiſe bereyden vnd eme ſtat geyue vnd geruͦm dat hie ſins wercks in eme bekomen moige dat deyt weyngit eyman noch die in geyſtlichme ſchyne ſint die got doch herzo erweylt hait· want der vnleyden in des ane cleyuͦens is ſo vijl nuͦ hie nuͦ da vn̄ ſo ſint die an genomenheyt vn̄ die vs wirkuͦngen vnd die vpſetze vnd goitdunclicheyt . vn̄ neyman in wilt ſich deme heiligen geiſte laiſſen vnde ſchaift mallich ſin dinck dit is alder luͦde doyn· nuͦ indeiſē ſorglichen zijden alſus vijl is dins doins herzo dat duͦ inſins werckis indir bekomen laiſes vnd vngehindert laiſes dan ervuͦlt hie dich altzo maile alz duͦ dich alſo geweirlichen vnd gotlichen heiltz ouch andyme vſeren menſchen alz id deme gotz geiſte wail getzeympt an worden an wercken an wandelūgen in alre ordenūgen afgeſcheidelichen vnd ſtillichen dā ſo wirkit der heilige geyſt groiſſe dinck indeme indeme ingekeirdeme menſchen nochtan dat der menſche alzo maile neyt draf in weys reichte alz de ſele verborgentlichen wircket dat leyuͦen in deyme licham dat der licham dan af neyt ingevoylt noch inweys alſo wirkit der heilige geyſt in deme geiſte· vnd in deme grūde vnwyſſinclichen des menſchen ſal eyuͦer dys der menſche ſuͦs gewar wˢden dat moys geſchein mit weder geboygden creiften weder in den gruͦnt da der heilige geiſt ſine woynūge vnd ſyne wˢck hait alz nuͦ der doregte menſche dit in eme bevint ſo velt hie altzo hantz darvp mit eynre mynlicheit vnd annemelichͭ als of id get ſins ſy vnd vˢderft id altzo maile· vnd of hie get darzo gedain hauͦe vnd deyt dˢ menſche reichte alz of eyn grois meiſter eyns wirckis beſtoinde vnd hie dat inder hant hedde vnd eynich dore quͦeme die is altzo maile neyt inkuͦnde vnd verdeirfde dat werck eme zomale neyt inkuͦnde · alſo dat id neirgen zome indoichte reichte alſo deyt hie der menſche wanne hie ſich eyt an neympt of zo ſleyt an den wercken gotz dit geſchuͦt dem menſchen van der groiſſer vnmeiſiger geluͦſt vnd vreuͦdē die man indiſme doyne vint wāt die is uͦnſprechelichen verre ouˢ alle die vreuͦde die in den is die in der werilt ſint vnd indiſme zo ſlaine mit neimelicheyt ſo wirt dat werck des heiligen geiſtis verdeirft vnd hie vˢiayt/ eydoch alleyne dit alſo wuͦnderlichen groiſſen ſchaden doy doch alle die wyle der menſche neit in egeyne doit ſvnde invelt ſo in geyt hie neyt alzo maile inwech· ayne hie ſteyt als hie verre ſte van diſme dat der menſche ſins ſelfs neyt geydelt in is/ ſo weynet der beſeſſene menſche dicke dat id allit got ſy vnd dat in eme wˢcke So is heyt allit ſeluͦer vnd is ſin eygen werck vnd ſyn an genomenheyt vnd gut duͦncklicheit vnd reichte als eme der buͦch vol ſy ſins ſelfs· vnd weir wail dat deme ſeluͦen menſchen groiſſe vˢborgene dinck vnd ſuͦnderliche groiſſe offenbairuͦnge vnd gauͦē gegeyuͦen wuͦrden· Id is nochtā ī groiſme tzwiuͦele we id deme M·· an ſyme ende ergain ſoile vn̄ mach nochtan ewilichen waile verloren werden· da vuͦr huͦydet uͦch als leyf als uͦch got ſy vnd vre ſelicheit ſy· Dat moichte eyme wail geſcheyn van ſynre anneymelicheyt weygen· Kinder id in geyt neyt als ir weynt id mois gar luͦter ſin vnd der menſche moys ſins ſelfs gar vys gegangen ſyn da der heilige geſt wirkē ſal eygenlichen na ſyme adele vn̄ na ſynre vnmaiſſen· vnd duͦ in ſalt neyt mit dinre an nemelicheit eyn hinderniſſe eyme ſins werckis ſin euͦer of duͦ dich indiſme vintz ſo in ſaltuͦ he mit neyt altzo hantz zo deme bichter loyfen ſvnder loif indich ſeluͦer vnd da mit zo gode vnd gyf dich eme ſchuldich van gruͦnde alzo hantz lait hie ſine gotliche hant uͦp din houͦft vnd macht dich geſuͦnt als duͦ dich eme vnder wirpſt in alre oitmoidicheit vnd geys dich eme ſchuͦldich van deiſen tzeigenen ſprach ich geſteren van dē vnſe here ſpricht ſy ſolen die hende den ſeichen uͦp die houͦft leygē vnd ſy ſolen geſvnt werden· Dat ander tzeichen ſy ſoilen die viant vˢdryuͦen Och die den laigen nauͦwe war neme die der viant den M·· an layt · vnd we manigen valſchē vuͦrwuͦrp eme vuͦrbrengit da mit hie bedroigen wirt allen deiſen ſtricken intgeinge der menſche in reichter gelaiſſenheyt Sy ſoilen die ſlangen vp heyuͦen dat ſint die ſlangechtiche menſchen die koment dich an mit irme gruͦwelichme gebeiren vnd ruͦſſchenden worden vnd neyment ſich meiſterſchaft ane die ī neit bevoilen in is Si wuͦndent vnd ſteichent dich wail inden nederſtē creiften So id in die ouˢſte neyt ī kome ſo wirt is gar goyt rayt· ſweych duͦ ecker vnd buͦcke dich vnd uˢgijffeniſſe ſoilen ſy drinckē vnd dat inſal in neyt ſchaden in ſint dat neyt vergijffeliche menſchen in den dat allit dat giftich wirt dat ſy inkompt wa eyt ane is dat keirent ſy zo richte zo deme aller argſten vnd ſweirent alle dinck ſy ſint reichte der ſpynnen natuͦren vnd aue duͦ lichte biſt in eyme gar guͦdeme doyne dat dich der heilige geyſt alzo maile ervuͦllen ſoilde vnd quͦeme dan ſweſter ruͦſſche ouˢ dich mit iren ſtraiffen wordē kuͦndis duͦ dich dan dar ynne gelaiſſen in gotz willen vnd neymis id alz dat werck des heiligen geiſtis dat ſoilde dich vnmaſe ſere vnd wail bereyden ſo du ecker ſwigis vnd lydis dich beroirt dyt wail dynen vſſeren· menſchen id in ſal dir neyt ſchaden· kinder wilt ir vmmer duͦre werden vnd tzuͦtz vren beſten komen ſo halt diſe zwey puͦntgyn Dat eyne dat ir uch ydelt vnd leydich macht vnd halt alre geſchaffenre dinge vnd ouch vrs ſelfs vnd halt vren vſwendichen vnd inwendichen menſchen in ordenuͦncge alſo dat dˢ heilige geyſt ſins werck is van uͦch vngehindert bliuͦe Dat ander is dat ir alle vp velle wa ſy her komen dat ſy inwēdich of vſwendich dat ſy wat dat ſy dat ir dat van gode ſuͦndˢ middel nympt vnd neyt anderz dan dat got dich da mit bereyden wille zo eme ſeluͦer vnde tzo ſynen groiſſen gauͦen die ouͦernatuͦrlich vnd wunderlich ſint zo den duͦ nuͦ̄mer komen inkūdes dan mit lydene vnd an wirkene inwendich vnd vſwendich die viende of die ruſſchende M ·· dan ſi ſolen mit nuwen tzuͦnḡe ſprechen dat is der menſche die ſal die alde natuͦrliche tzuͦnghe tzeymen· Kinder boyuͦen allen kuͦnſten ſo leirt die kuͦnſt dat ir vre tzungen huͦyt vnd ſeyt vuͦr uͦch wat ir ſprecht of vſſer vch inwirt nvmmer neyt· Seyt an vre wort ſin zo der eren gotz vn̄ vrs neiſten beſſeruͦnge vnd vrs ſelfz vreide euͦer ſprecht mit gode ayn vnderlays Bernardꝰ alz ich vermaledyen vnd verwayſen veyl reydens vſwendich alſo loyuͦe ich vijl reydens inwendich mit gode des in mach zo vyl neyt ſin dā mit nuͦwen tzuͦngen dat is got groiſlichen loyuͦen vnd dancken vnd inhetz duͦ neyt me gode zo dācken dan dat hie dich lijd vn̄ verdrayt vnd geſpart vnd dynre beyt vnd zo allen dinre vnordenuͦngen alz guͦtlichen ſwigt vnd hie ſins gotlichen werckis neirgen indir bekomen ī mach noch inkan mit nuͦwen tzungen dat is dat wan ir by eyn kompt ſo ſoilt ir reyden van gode vnd vā duͦgenclichme leyuͦen vnd neit diſpuͦteiren van der gotheit in anderen wyſen an der vˢnuͦ̄nft dat in geyt uͦch neyt an noch na behendē ſubtilen worden ſvnder uͦs deme gruͦnde der duͦchde ir muͦt uch alſo halden vnd reyden in vernuͦ̄ftigˢ wyſen ir verdoympt uͦch da mit vnd ouͦch den irt inbrengit vn̄ ouͦch ſalt duͦ vur ſubtijl menſche dich hoyden dat die ſlangen da wir vuͦr af ſprachen alz die in vſwendiger wyſen vys gedreuͦen ſint dat duͦ dan die neyt ī geiſtlicher wyſen indich in tzeys Want der viant die laigt dir ain alle vnderlais we hie dich erſlinge na den behenden wyſen darna hie dich geneigt vint alſo is ouͦch dit werck des heiligen geiſtis dat richt ſich dicke vnd gerne na deme dat hie de natuͦre geſchickt vint want got wilt mit ſynen gauͦen woycherē vnd wilt den geiſt vnd alz wail die natuͦre zo eme tzeyn da hie dan vint eyne guͦde gevolgige natuͦre darna richt hie ſyne werck want alz der ſlach rain nedˢ velt vnd neyt ydel weder in kompt ſpricht hie· alſo in wylt hie neyt dat ſyne gauͦen eyt vnvruͦchtbeirich weder komen ſy inbrengen natuͦre vnd geyſt mit ir weder vnd uˢmoigen vnd vys vermoigene zo wircken in reichtˢ ordenūgē vnd alſuͦs wirckt der heilige geiſt af hie dich in warme armoide vint dins geiſtis vnd allis dat dieſe ſtat vuͦllen mach in allen wyſen in alme beſeſſe wat dat duͦ indich getzoigen hays of getzein mach vnd alle hardicheit vnd argwayn vnd vrdel vnde alle die dinck die der heilige geyſt indich neyt gewort ī hait euͦer hie ſaltuͦ proyuͦen alle die in velle die indich vallent of dir zo vallent weder dinē willē die inſchadent dir neyt ouͦch ī ſuͦlt ir nuͦ neyt dencken of ir des heiligen geiſtis alſuͦs wardē ſoilt Dat uͦch dan vre vſwendiche guͦde werck dijs heiligen geiſtis ſuͦlen hinderen alz werk der gehoirſamheyt alz ſingen vnd leyſen vnſen ſuͦſteren vn̄ deynen vnd mynnen werck van broderlicher mynnen/ nein leyf kint neyt alſo dat man alle dinck moyſe begeyuͦen vnd wardens alſo eyn M·· die got gerne mynde vnd in myent alle dinck ſal hie van mynnen doyn gode zo lieuͦe vnd zo louͦe in reichter ordenuͦ̄gen die vp in vallent weyt gotz eme voigt in mȳnen vnd in ſenftmoidicheyt guͦderteirenheit vnd in vreidelicher geſaiſtheyt dir vnd dime neiſten in vreden zo blyuͦene de werck die in hinderent dichneit ſvnder dine vngeordenūge indē wˢcken die hinderent die leygh af vnd meyne got luͦterlichen in al dynen werken vnd anders neyt dan yn· Vnd zo deme andeˢn mail ſo nym dins ſelfz dijgher war dins gruͦntz vnd hoyde dins gemoitz vnd inlaiſſe egeine vnordenuͦncge zo ſlain leyfs vn̄ leytz vnd huden dynre worde vn̄ dinre vſſere wandeluͦncgen So blijftz du zo vreiden in allen dynen wˢcken vnd der heiliger geyſt ſal in dich komen vnd dich alſo weirlichen ervuͦllen vnd in dir woynē vnd wuͦnder indir wirken of duͦ dieſe leire heyltz die duͦ nuͦ gehoirt haiſt Dat vns dit allē geſchey des helpe vns der lieuͦe got am̄en Duͦc in altuͦm et laxate retia ur̄a in capturam· Man lyſt indeme heiligē ewangelio van der wechen dat vnſe here ihˢus xpūs quͦam zo deme mere vnd geynck inſymonis ſchijf vnd hie bat in dat hie dat ſchijf van deme lande voirte inwenich vnd ſatte ſich drijn vnd leirde dat volk vn̄ ſprach zo ſymone· Duͦc in altum voyre dat ſchijf indie hoe vnd hanckt vr netze vys zo vayne· vnd ſymon ſprach· Gebey der wir hain alle dieſe nacht gearbeyt vnd hain neyt gevangen· euͦer in dyme worde ſohange ich dat netze vys Do ſy dat gedaden do beſloigen ſy alz vyl viſche dat dat netz reys vnd ſy warē vijl na verſuͦncken· Sent petˢ veyle vp ſyne kneyn· vnd ſprach here ganck vs van mir want ich byn eyn ſuͦnder Dit ewangelium lijſt man dat dit was vuͦr vns heren dode vnd na vns heren dode Do viſchden ſy euͦer vnd veyncgen huͦndert groiſſer viſche vnd drij vnd vuͦnfzich vnd do in reys dat netz neit noch ſy inſuncken ouͦch doy neyt dit hait wuͦnderlichen vijl verborgenre ſynne Die eyne vernuͦnft hedde die wail erluͦcht were die ſoilde vijl guͦder ſinne hie ynne vinden die by eme ſeluͦer were Dit ſchijf dat was ſymons des gehoirſamen M·· die gode gehoirſam is inder wairheit· wilch is nuͦ dat ſchijf da vns here in ſitz zo leiren dat is dat ynnewendiche der gruͦnt des menſchen da ſitz vnſe here ynne ſyne raſte ſine weilde die is da Die des gruͦntz war neme vā in bynnen vnd leiſſe alle dinck vnd keirde ſich in den gruͦnt des indeyt neyman vnd gheſchuͦyt duͦcke dat dˢ menſche in vſſerlichen wercken zeynwerf gemaint wirt dat hie ſich inkˢen ind in des in deyt hie vmmer neit hie in is neyt ſymon vnd blijft inſynen willen vnd gewoynden vnd in is gode neyt gehoirſam· Alle gehoirſame in is dem neyt gelich· want ſyne gehoirſam die geit vur alle gehoirſā Vnd oft geveile dat eyne ſuͦſter ſtoinde indeme kore vnd ſuͦnge vnd bevuͦnde dat dat ſy got maynde ſich in zo keirene vnd ſy dat guͦt werck des hinderde des inkeires ſy ſoilde den ſanck laiſſen ſincken vnd voilgen gode vnde laiſſen die anderen gar vaſte ſingen mer moichte ſy beyde gedoin dat vſwendichme mit deme inwendichen dat weir verre vn̄ vijl beſſer dˢ ſanck vs deme gruͦ̄de der geynge gar ho· Kinder wiſtit ir we ſcheidelich dat is dat ir den manuͦngen gotz wederſteit vnd dat man gode vngehoirſā is uch gruͦwelde dar vur vn̄ we grois veyge vur dat man dar vmbe lyden ſal ir indorret gode neyt geloyuͦen noch getruͦwē Kinder van der gruͦndeloiſer guͦden gotz kompt dat dat der M·· die got geroiffen hait zo eyme hoen ende vnd intfallent deme gruͦnde dat moyſen ſy ervoilgē mit lidene wylt ſijt neyt in er voilgent mit leyuͦene vnd die menſchen lydent groiſſe noit an irme ende meire vyl dan ander luͦde vnd darna altzo gruͦwelich veygevuͦr vnd na al diſme ſo koment ſy dan wuͦnderlichen verre inboyuen die de lichte komen zo den alre nederſtē graiden geroiffen ſint· Kinder dat ſchijf dat was ſymons da vnſe here ynne ſas vnd leirde· Want ſijt ſicher indiſes gehoirſames menſchen gruͦnt dar in ſetz ſich got zo leirene· wan got geyt da groiſſe genade vnd alſuͦlge leire dat der menſche van gode van inbynnen geleirt wirt· dat weirz noit hie ſoilde alder werilt leir̄e genoich geyuͦen· Nuͦ vnſe here bat ſymon dat hie dat ſchijf voirte van der erden· der menſchen hertze indeme alre nederſteme grade dat ſal vnd moys van der erden van alre mynnē ertſcher vnd vˢgencklicher dinge gevoirt ſin vnd der luͦſt der ceͣn inder naturen· wan der menſche got erkrigen wil der ſal eynen ſtedē vlijs hauͦen alſo neyt dat hey huͦde an heyuͦe vnd morne af laiſſe Suͦnder hey ſal ſin ſtede an der oynūgen alle zijt alle ſtūde vnd dage· of hie zo ſynen beſtē komen wilt neit nuͦ leyuͦē gode vnd morne der natuͦren of dē creatuͦren· Hey gruͦwelt ſuͦlghe luͦde vuͦr · vnd duͦrren goden neyt geloyuͦen noch getruͦwen vnd duͦnckt ſy eyn groys dinck vnd keirent weder vnd denckent ſy in vermoigen dijs neyt ſij leyuͦen alz die vnd die/ die der natuͦren leyuͦent vnd willent alz wail vairen alz ſy vnd keirent weder zo der werilt want allit dat is werilt dat got neyt in is Da zo rijſt dat netze vnd alle viſche die dar in koment die vallent dar duͦrch· Kinder ir ſoilt dat wyſſen dat alle die wˢck we groys vnd goyt ſy ſin der got neyt eyne ſache in is der in nȳpt hie ſich eynen train neyt an vnd alle hauͦent ſy getzwat natuͦren der ſymonſligen dat is ſymonie dat man geyt geyſtlich goyt vmb lijflich zijtlich goyt vn̄ is der meiſter ſvnden eyne· ſo wilch menſche nuͦ deyt guͦde geiſtliche werck die gotlich ſoilden ſin vnd ouͦch ſchinent vnd geyt die inſynre meynūgen vmbe tzijtliche vergenckliche ſachen wilcher kuͦnne die ſin id ſy inwendich of vſwendich die indˢ wairheyt got neyt inſint die macht ſich getzwat ſchuͦldich an der ſuͦnden in geyſtlicher wyſen ſi boyten ir netze alſo dat der M·· ſin netze dat zo riſſen is myt eyngme ſcheidelichme vs gange vnd eme zo rijſſen is dat ſal hie boyſen mit eyme gantzme weder keire vnd ſal doyn alz die eyn kruͦmp hoiltz richtē wilt die weder boicht id me dā reicht· vnd van deme boygene ſo wirt id reicht vnd mit wairme bekentniſſe vnd mit deiſer oitmoidicheit ſo clage gode mit ſent petre here ich hain alle deiſe nacht gearbeyt vnd hain neit gevangen allit dat der menſche arbeyt ſvnder got dat is allit naicht vnd in veyt zo maile neyt So velt he ouͦch wail indem weyge gotz in traicheyt vnd in ſlaifergeit dat die nature vngeſicht is zo allen guͦden dingē Dan iſt naicht dan ſal man dē vſwendichen menſchen oyuͦē mit arbeyt hende vnd voyſe vnd roicke vnd ſal allit nemē weder in den gruͦnt here in dyme worde werp ich vs min netze dat ſoilen ſin allis des menſche werck wort vnd gedencke eſſen drincken ſlaiffen wachen allit inſyme worde Vnſe here ſprach zo ſent peter Duc in altū· voire dat ſchijf in die hoe dat is erheyuͦe din gemoite vnd alle dine creifte indie hoe ouͦer dich ſeluͦer vn̄ ouͦer deiſe nedere ſinliche dinck wan vns hˢe die in kan mit deiſē nederen dingen neyt· id is eme zo enge da hie inkan ſich neyt bekeiren hie is behende vnd ſuͦbtijl vnd die nederſte creifte die ſint zo grof vnd dar vmbe Duc in altum· voire dat ſchijf in die hoe keire dich ouͦer zijt mit dinen ouͦerſten creiften want da ſitz got da is got vnd da is got in der wairhait da leyrt hie dat ouͦer weyſeliche wort in deme vnd mit deme alle dinck geſchaffen ſint Dat wort ſalmā intfeyn inſenftmoidicheyt dat in geplantzde wort kinder de deme worde ſtat geyuͦe inſenftmoidicheyt dat van noit ſijn moys vnd mit allen ſynen creiften ſich erhoyuͦe in die hoe vſwirckuͦngen da duͦ allit ynne geſtanden hais vnordelichen dan af noch keir dich zo mir weder vmbe vnd ich wil dich intfain/ hie ſpricht ouͦch duͦrch den ſeluͦē ᵱpheten iheremiam ī deme veirdem Capittele vnde beclait ſich ouͦch da van dir vnd ſpricht ich hain dich gemacht mynen vſerweildē wyngart vnd ich hain gebeit dat duͦ mir ſoiltz hain bracht den alren beſten eidelſtē wyn wyn van cyperen win van engaddy vnd ſpricht van groiſme vlijſſe den hie an den wyngart gelaicht hait ich hain in vmb grauͦē vnd eyne hecke druͦmme eynen tzun gemacht vnde eynen kelter drin gebuͦwit vnd die ſteyne druͦys geleyſen alleyne hie dit ſpreche zo deme volke ſo meint got alle menſchen hie mit bys an dat ende der werilde vn̄ duͦ byſt mir alzo bitter wordē duͦ hais mir braicht bitteˢn wyn ſuren hunſſchen wyn vnd hais mir vuͦr den eidelē wyn ſo haiſtuͦ mir vuͦr die druͦuͦen braicht krappen vn̄ boyſe dinck vnd dys moys ich mit dir kreigen andeme gerichte/ were dat duͦ dich zo mir woiltz keiren ſo wuͦld ich dir in geyſſen leyuͦenden waſſere vnd waire mȳne van diſme leyuͦende waſſer ſpricht eyn meiſter heyſt Ricarduͦs eyn groys meiſter dˢ heiliger ſchrijft dat die mīne hait veyr grede· Den eirſtē grait der mynnen die heiſt eyne wuͦndende minne wat̄ wanne die ſele mit der ſtralen der mynnen van gode wirt gewuͦnt dat ir dit leyuͦende waſſer wirt geſchenckt der waire mynnen So weder wuͦnt ſy got mit irre mynnen vnd hie vnd van der mynnen ſpricht vns hˢe in der mynnen boiche ſuͦſter myn duͦ hais myn hˢze gewuͦnt mit eyme dyme oygen vnd mit eyme hare dins haltz dat einlitze oyge dat is eyn einlitze angeſichte des bekentniſſes vnd des gemoitz dat luͦterlichen vp got geyt vnd dat einlitze hair dat is luͦtere vnuͦermengde mīne hie mit wirt got verwuͦnt vā der ſelen· Der ander grait der waire mynnen dat nent dys meiſter eyne gevangene mīne Steit geſchreuen ich ſal dich drecken in deme ſeyle adamz Die dirde mynne dat is eyne quͦeillende mynne Van dˢ ſpricht die bruͦyt inder mynnē boiche Ir doichter van ihrhˢu vynt ir mynen leyuͦen ſait eme dat ich van mynnen queylen Die veirde mynne van der ſpricht dˢ ᵱphete indeme ſelter Defecit myne ſele die is vertzeirt vn̄ is auͦe genomen here ī dyme heyle Van den zwen eirſten mīnen wil wir nuͦ eweniget ſprechen bys euͦer by der wuͦndendˢ mynnen neymen wir eyn gelichniſſe die gewant is van mīnen die deyt reichte alz eyn kouͦfman die eyn ſchijf wilt vys voiren vmbe wynnūge ſo is reichte ſin hertze alz id gewuͦnt ſy van begeiruͦngen dat hie vyl geſamene alre leye ſo raft hie he ſo ſament hie da dat ſin ſchijf vol werde alſo deyt der gewuͦnte menſche hie ſament vnd treckt zo ſamene alle bilde vnd gedencke vnd die oyuͦuͦngen wat hie mach deme mīner zo lieuͦe den hie mint Dan alz dat ſchijf wail gelaiden is ſo ſtoiſt hie id van deme lande noch is hie des ſchijfs wail geweldich zo voirene intgaine ſtroyme· alſo is der wundendˢ mīnē die wirpt ir ſchijf inden ſtroym der gotheyt vnd vert da heirlichen vort vnd ſpilt da mit na irme gvnſte vnd wyllen vnde wirpt ir royder indat mer dat gruͦndelois is vnd ey me ſy in ſich tzuͦyt der gotlicher vys guͦſſe ey me ſy weder wirt vnde die intfenclicheit die vuͦlt hie altzomaile vnd die ervuͦlluͦnge die macht eyn nuͦwe intfenclicheit vnd eyn nuͦwe wyde vn̄ macht nuͦwe wuͦnden der mynnē· her na ſo ſnit dan der here dat ſeyl des ſchijfs intzwey vnd leyſt dat ſchijf dan in geynen ſtroym ruͦſſchen ſo is da noch reyme noch royder die dat ſchijf moigen vp halden So in is der menſche neit ſins ſeluͦes me geweldich dat is die gevangene mynne Dan geſchuͦyt eme alz eyme rittere die ymne ſtride ſere gewuͦnt wˢt nochtan intrijt hie wail geweldeclichen ſvnder wirt hie gevangen ſo wirt hie ſins ſelfs vngeweldich dat is die gevangene mynne alſo in is hie weder gedencke noch wercke geweldich dan hie moitz ſich deme nij̄mer vnd der mynnen gar laiſen vā deiſer mīnen weir noch me zo ſagene mach geſchein herna dat wir alſo laiſſen alle die Ciſternē dat vns dat leyuͦende waſſer dˢ waire mīnē wˢde in gegoſſen des helpe vns die ewige mīne am̄· Dixit ihˢc diſciplis ſuis Vnſe hˢe ſprach wilch vre hait even vruͦnt vnd gee zo eme zo midder nacht vnd ſpreche eme zo vruͦnt borge mir druͦ broyt want min vruͦnt die is komen van deme lande zo mir vn̄ ich ī hain eme neyt vuͦr zo leygen vnd der die ynwendich is die antweirt La mich vngemoyt myne duͦyren ſint beſloiſſen vnd myne kindˢe ſint mit mir in deme bedde vnd in mach neit vp geſtain vnd dir gegeyuͦen ·Dit ewangeliū dat is vortlanc dat lais wir ſtain duͦrch die kuͦrde· vnſe lieuͦe hˢe die leirt vns hie ynne dat wir beyden ſoilen vnd ſprach die byddit deme wirt gegeyuͦen ſuͦckt vn̄ ir ſoilt vinden· Clopt ſo wirt uͦch uͦp gedain want we bid deme wirt die ſoickt die vint Die Clopt deme deyt man vp Nuͦ wat vnderſcheydes ſalmā an deiſen drin worden vernemen/ bidden vnd ſoicken vnd Cloppen dat wil wir mit deme eirſten proyuͦen dat bidden dat meynt eyn zo gekeirt gemoite mit eynre ynnicher begeirūgen zo gode vnd heiſſchen etzwat van eme/ mer dat ſoickē dat hie vns heyſt ſoicken dat is eyn vſſerkeyſer eyn vuͦr deme andenˢ wan die ſoickt die hait ſinen vlijs gekeirt zo deme ſuͦnderlingen dat hie ſoickt vuͦr ander dinck/ dan die clopt dat meynt eyn volherden vn̄ neyt af laiſen bys man dat erkricht dat mā meint vnd haint diese wort goit vnderſcheyt bidden ſoicken vnd Cloppen Nv neymen wir her vuͦr vns des leirers vs leyguͦnge inder omelyen Beda die ſprach dijs vrūt die alſuͦs van deme lande zo ſyme vruͦnde is komen dat is dat gemoite des menſchēs dat gemoite dat geyt alzo dicke vn̄ ſweirlichen van den menſchen in eyn vˢre vremde lant der vngelicheit vnd kompt dā etzwanne weder huͦngerich vnd duͦrſtich allis guͦtz vn̄ ſo in hait eme der menſchen neit vuͦr zo leygene ſo geyt he zo ſyme vruͦnde dat is got vn̄ clopt vnd biddit vuͦr ſymre duͦren dat he eme geyuͦe druͦ broit dat is vˢſtentniſſe dˢ heiliger dryuͦeldicheit vnd der da inne is die intſchuͦldichet ſich vn̄ ſpricht La mich vngemoyt want myne duͦren ſint beſloſſen vnd myne kinder ſint mit mir an deme bedde dat ſint die leirer die ſint mit gode an deme bedde der heilicher contemplacien nuͦ deiſer beheirt alz lange cloppende dat deiſer ſy duͦrch ſins herdēs wille vp ſteyt vnd geyt eme allit dat hie wilt dat is dat got eme geyt antweirt duͦrch die leirer of duͦrch ſich ſeluͦer ſuͦnder middel vnd dar vmbe ſprach xpc̄ Bid ſo wirt vch gegeyuͦen ſoickt ſo vint ir clopt ſo wirt uch vp gedain hie is ſere zo proyuͦene die vnſprechliche vnbegrijfliche mildicheit gotz dat hie ſo gerne geuͦe of wir ī ecker bidden willen vnd hie vns ſo vlijſlichen maint vnd reyſt vn̄ leirt dat wirt ecker biddē willen/ euͦer die gauͦen ī wˢdent den moiſſich geingeren neyt gegeyuͦen vnd den ydelen vmbgeingeren· ſvnder den bidden vn̄ den herderen indeme gebeide nuͦ ſoilen wir proyuͦē wat vn̄ we wir bidden ſoilen Wanne der M·· ſich wilt geyuͦen zo ſyme gebeyde vuͦr allen dingen ſo ſal hie ſin gemoite heym hoylen vn̄ royfen deme van allen den vsloyſingen vnd zo ſtrouͦwuͦngē dat id geweyſt is van allen dingen vnd ſal dan mit alſo groiſſer oitmoitdicheyt vallen vuͦr gotz voyſſe vnd bidden die milde almuͦſſen gotz cloppen vur deme veidˢelichen hertzen vnde heyſſchen dat broyt dat is die mynne want die alle die eydele ſpyſe hedde die/ die werilt hait ane broit ſy in were neit eſich noch luͦſtlich noch nuͦtzlich alſo ſint alle dinck ain gotliche mīne· Nuͦ ſal der menſche bidden dat eme got geyuͦe vnd wyſe zo biddene wat eme alre meyſt bevelt in ſyme gebeyde vn̄ in ſinre ynniger oyuͦuͦngen in̄ deme M·· alre nuͦtzſte ſy vnd wat wyſen dan ſint die eme dan intgain loyfent die ſalhie vuͦr ſich neymen id ſy van der gotheit van der heiliger driuͦeldicheit of van deme lidene of van den wuͦnden vns heren/ nv verſteyt van deme biddene vnſen heren zo bidden alle die M·· inkvnnen neit indeme geiſte beiden ſvnder mit worden moiſen ſy beyden vyl lieuͦe kint ſo ſaltuͦ vnſen lieuͦen heren alſo leyflichen vnd alſo guͦtlichen mit den minnenſtē worden an ſprechen alz duͦ vmmer erdencken macht vnd dat ſal ouch dine mynne ind din herze eyſen bidde den hemelſchen vader dat hie dir duͦrch ſinen eȳboren ſvn dir geyuͦe ſich ſeluͦˢ eynē vuͦrwuͦrp inder alrevellichſter wyſen vn̄ alz duͦ dan vintz eyne wyſe die dich alremeiſt darzo andaicht reyſt vnde dir alrebevellichſte is id weren ouͦch dine ſvnden vnd dine gebreichen of wat dat ſy da by blyf vnd die kuͦs vys vn̄ dat is dit ſoicken dat man ſoicke den leyfſten willen gotz vnd des M·· beſte vnd cloppe mit volſteidicher volheirduͦnge want die volheirt deme wirt die croine Nv ſprach vnſe here wilch vader were die ſinen kinden alz ſy eme heiſchen broyt dat hie in dan geyuͦe eynen ſteyn· vnd of ſy heiſſchen eynen viſch dat hie in dan geyuͦe eynen ſlangē by deme viſche beſteyt mā wairzo verſicht vnd hoffenuͦnge vnd of hie eme eyn ey heiſche dat hie eme dan geyuͦe eynen toirhant· By deme ey verſteyt man eynen leyuͦendichen geloyuͦē vnd ſpricht hie we ir die da boeſe ſint kuͦnd vren kinden gode gauͦen geyuͦen we vil me vre hemelſchē vader gijt guͦde vnd die alrebeſten gauͦen die in biddᵉ̄t nuͦ ſprach der muͦnt der wairheit· die biddit deme wirt gegeyuͦen we mach nuͦ dat ey geſyn dat alz manich menſche bid vnd bid al ſine lyefdage vnd eme in wirt doch dit leyuͦende broit neyt vnd ſo got ſo vnſprechliche milde is vn̄ ſo ain alle maiſſe vnd inboyuͦen alle wyſe ſo gerne gyt vnd vergyt vnd duͦſent werf gereider is zo geyuͦen wan der M·· zo nemen· vnd deiſe luͦde ſprechent die ſeluͦe heiliche gebet dat heilige patˢ nr vnd vyl ſelter vnd die heiliche Collecten die der heilige geyſt geleirt hait vnd nochtan ſo in werdent ſy neyt erhoirt dat mois eyne groiſſe ſache ſin vnd eyn wuͦnder· Kint ich wil dir ſagen ir hˢze vnd ir gruͦnt ir mynne vn̄ ir meynuͦncge die is beſeſſen mit vremder mynnē dat ſy wat dat ſy doyt of leyuͦende ſy ſint ſeluͦer of get des irs vnd dat ſeluͦe dat hait die ſtat alſo beſeſſē vnd bekuͦmmert dat die waˢe gotliche mȳne die dat ware leyuͦende leyuͦende broit is de in mach da die geyne neyt wys neit ynne ſy bydden vn̄ beyden we vyl des ſy· Meiſter huͦge ſpricht id is alz vnmoigelich dat der M·· leyuͦe ſuͦnder eynige dinge minne alz dat hie leyuͦe ſuͦnder ſele· nv proyuͦe ein eiclich wa mit hie vmbe gee wan ſal die eyne mynne in· ſo moys die ander van noit vs Guͦys guͦys vs ſprach ſent augꝰ dat duͦ vol wˢdes nuͦ deiſen M·· koment mit iren weriltlichen hˢzen mit iren beſeſſenen gruͦnden vnd biddent vnd beydent vnd in wirt des broitz neyt dat in is neyt gotz ſchuͦlt ſvnder ir eygen ſchuͦlt vnd den wirt der ſteyn vuͦr dat broyt· dat is eyn hart ſteynē herzen hart duͦrre vnd kalt vnd verloſſchen ain andacht vnd genaden vnd leyſent vaſte die buͦche vs eyn na deme anderen vnd dat in ſmacht in neit vnd des in aicht hie neit noch in hie in queilt noch hie induͦrſt darna neit· alz hie dat gedeylt in eynre groyuͦer blinder wyſen ſo liet hie neder vnd ſleift des morgēs heift hie euͦer an alz vā eirſt dat hie alſo ſine gebeidelyne gedoy ſo duͦnckit in id ſy genoch vnd hie by wirt ſin grūt alſo hart alz eyn moilenſtein dat man ſy weder gebrechē noch buͦygen in kan· komet man ſy an mit eynigē dingen dat weder ſy is id ſy an doine of an laiſſene ſo wirt man des gruͦntz ſo gewar mā mach wuͦnder ſeyn harde ſteynende berge· kint leyf kint vuͦr dieſen ſteynendē gruͦnden huͦde dich vnde in haif neyt vyl reydens mit ī dat duͦ ſy eyt berichten wiltz dan eyn wort vnd vluͦ vnſe here ſprach ya / ya/ neyn nein dencke vnd doy· alz die wyſe maede ſprachen dat uͦch vn̄ vns neyt in gebreche· ſi ouch dat dir dieſer ſteyn an dynen kop nͭ ī vaire buͦyge dich vnd huͦde dich dat duͦ ey neit weder in ſteyns id ſin ouͦch ouͦch cleyn keſelſteyne neyn leyf kint neyn· do den muͦnt tzo vnd do dat hertze intgain got vp leyf kint do id vmb got vnd vmbe allit dat ich gebidden mach vnd ſyt ſenftmoidich vnd oitmoidich leintlegtich vnd intgain de die uͦch weder ſint· ſwich vnde verdrayt vnd neympt vrs gruͦntz war dieſe ſteyne lygent dicke verborgen indem M·· lange wyle bys man ſy an kompt mit eyniger wyſen wyſt da ich deiſe luͦde wyſte mit verborgeme haſſe of vnguͦnſte vnd neit ſich in laiſſent berichten ich in geyuͦe ī gotz licham neyt man vint vil M·· die bichtint xx ·· of·· xxx ·· iair vnd die in gedadē ney reichte bichte noch ſy ī woirden ney reicht obſoluͦeirt vnd geynt da mit zo deme heiligen ſacrament dat is eyn enxſtlich groiſlich ſorglich dinck wan der pays die die ouͦerſte gewalt hait die in moichte dē menſchen neit loiſen vn̄ ſo deiſe me dar geint vnd me beydent vn̄ guͦder wˢke doint id ſy wat dat ſy ſo ſy ey harder vnd ſteynrenre werdent vnd blinder vnd groyuͦer want ſy vˢlaiſent ſich vp ire guͦde werck vnd in wˢe verre beſſer dat ſy ir neyt in deiden vnd dat ſy zo deme heiligen licham vns heren geynt vnd der vrſachen neit inlaiſſent vn̄ ouͦch die gebreichen wyſt dat dat got nͭ ī leyſt vͦngewrochen nūmer hie in wricht id neit alleine an der ſelen mer ouͦch an deme lyuͦe· in wirt ouͦch der ſlange vuͦr den viſch kinder dat ſint al vrdelen luͦde alſo alz der ſlange ſleyt al vmbe vnd guͦys ſin vergyfniſſe alſo ſint deiſe vrdeilende luͦde wat ſy ſeint of hoirt dat wirt vergyftlich in in vnd dat geyſſent ſy vs mit vercleynguͦngē vnd mit verneittuͦngen vn̄ ſint die ſlangen in in alſo lanck als van eynre want zo der andere ſy in ſeynt neyt wilch ſy ſeluͦer ſint ain alſo vn̄ alſuͦs ſoild dys vnd die ſin die ſlangen ſint ouͦch waile cleyne als pricken dat is vˢborgene afgvnſticheit vnde behende ſtiche vnd vercleynuͦ̄ge die vſeime boyſen gruͦnde her vs ſlichent da vuͦr huͦyd uͦch vrdelt vch ſeluͦer vnde neymant anders dieſen M·· wirt der toirrant dys corpio vuͦr dat ey dat is eyn valcſch gelouͦuͦe van in ſeluͦer eyn valſch zo verſicht vnde eyne dvmme vermeſſenheit war vmbe inſoild ich neyt alz wail varen alz die vnd die ich beyden ſingen vnd leyſen vnd leyuͦen alz wail alz ſy doynt vnd alz dat ſcorpio dat lechgelt vuͦr vnd ſmeichet mit deme mūde vnd hinden ſtich id mit den ſtertzſe alſo geſchuͦyt deiſer valſcher zo vˢſicht andeme ende alz der grūt ſich in deckit dan valſchen beſeſſenen gruͦnt ſo vallen ſy in myſtroiſt vnd in tzwiuͦel vnd werden ewiclichē verloren ſo komet der ſtich des ewigen doitz· kinder dit deit dait man des gruͦndes vnd der gebreche neyt war in nympt dat is eyn harde ſorglich dinck· der pays die hait ſuͦlche artilkel eme ſeluͦer behalden zo erloiſene etzelichen den penitencieiren vˢleynt etzelichen dē buͦſſchoffen vnd anderen dē preiſteren dit in is neyt dar vmbe gedain zo harder verdoymmicheit ſvnder dat die ſvnden da mit bekant vnd geweigen vn̄ grois geaichtit wˢden vn̄ der ruͦwe die meire werden in deme geweigen wˢden vnd verhoyt werden kinder wiſt ir we ſorglichē dat is dat die luͦde mit deiſen beſeſſenen gruͦndē da ho wirdiche duͦre bloit dat got duͦrch vns vˢgoſſen hait intfeint vnd ire valſche gruͦnde noch ire gebreche neit war in neiment wiſt irt ir moichte er vairen van anxſte vnd dar vmbe hait man in etzlichen geyſtlichen cloiſteren geboidē dat man zo drijn weichen moys zo deme ſacramente gain dar vmbe alz lange zijt dat man al die wyle waile vnd ſere ſich bereyde intgain die groiſſe wirtſchaf dat dat heilige ſacrament ſins werckis in den M·· bekomen moigen of lief kinder gotz reiſt vre begeiruͦnge darzo vnd halt uͦch alſo dat ir dircke moigt dat ho wirdige ſacrament neymen bid vnſen heˢn dat hie uͦch ſeluͦer bereyde vnd leyft alſo ynnenclichen vnd mynnenclichen ſyt ſenftmoidich vnd oitmoidich vnd af geſcheiden velt nuͦ wail her vmbe vp uͦch lyden ſweich vn̄ in antweirt neyt/ eyn meiſtˢ der heiligˢ ſchrijft wart gevraigt we eme dat beveile dat etzeliche geiſtliche luͦde vnſen herē alz dicke woildē neymen inbuͦſen ire geſelſchaf vnd ire gewoinheit/ Do ſprach dys meiſtˢ/ owe here got wie ſoildē wir vns des ſo ynnenclichen ſere vreuͦwen dat eyman were den gotz geluͦſte vn̄ ſin begeirde vnd in den cloiſteren die dat doint den deynent die andenˢ / vnd ſtoggēt ī zo mit alſme groiſme vliſe/ neyman van den die zo geint inſoilen nuͦ̄mer gedencken dieſe in ſin verre beſſer die is neyt indoynt dan ſy vnd ſy laiſſent van groiſſer eirweirdicheit vn̄ oitmoidigͭ die eyns groys dinck is/ is dat uͦch eymā ſteyne vnde intgain wirpt mit vrluͦngē vn̄ ſleyt uͦch mit ſeltwordē denckt dat dat ſuͦnder middel van gode kompt id ſint oich noch ander ſteyne dat der menſche van in bynnen wtˢ gelaiſen die van alme ſyme hertzen gotz begert vn̄ vint ſich hart duͦrre vnde kalt vnd traige dan ſalmā ſich me ynrelichen halden vn̄ hoiden alz der M·· ynnerlicher hartgeit voilt dat he da by blyuͦe vn̄ ſich hoyde dat neit anders zo inſlee dat eme dat intlitge dan blijf by dir ſeluˢ / vn̄ loiffent dir ouͦch dine gebrechen intgain mit ſwairme ſtrengme vrdele vnd ſtraifuͦngen dins ſelfs da by blijft vnd ſtraife dich ſeluͦer mit vijl harde vn̄ ſtoinde dat vrdel ouch ein gantze weche dat were vil guͦt· ſteyne dich ſeluͦer mit vuͦr gode indir ſeluͦer vnd alſuͦs ſaltuͦ doyn alz balde alz duͦ in eynich dinck in vngevrdenuͦncgen geuͦallē bys alzo hantz ſo bigte gode ſvnder meiren intvallent dir dan die gebregge dat duͦ neyt in weys zo ſagene alz duͦ zo deme bichtere komis ſo geloiuͦe dat dir die ſvnde bas ſin vergeyuͦen dan dat duͦ ſy deme paiſſe ſeluͦˢ gebichtet hetz ane ich biddenuͦch dat ir neyt vyl worde ī hait in der biget vſwendich die heilige kirche hait die bichet geordent vp doit ſūde vn̄ of man in tzwiuͦel wˢe dat eyn dinck doit ſuͦnde moichte ſin vnd neit vp deigelige ſchuͦlt dat macht eynuͦeldich vnd kuͦrt eya biget die gode ouͦch duͦnckt dich dat dich deiſe vſwendiche werck hindeˢn alz koir gain vn̄ deinſtliche werck der gehoirſamheit leif kint die werck die in hinderent dich neit ſvnder dine vnordenuͦnge inden werckin die hinderent dich dat duͦ got neit luͦterlichen vuͦr inhais ī dinre mīnen in dinre meynūgen indime gemoite dat duͦ zo ſtreuͦwet bys vnd vˢbilt biſt vn̄ dir got neyt gentzlichen inne ī is in truͦwen kint dat hindert dich vnd neit die wˢck noch egein dinck dan duͦ ſeluͦˢ dit is eyn zo wuͦrp vp deiſe cloppuͦngen da dit ewͫ af ſprach vnſe hˢe ſprach anders wa hie ſy die duͦyr duͦrch die mā gain moys zo deiſer mynnenclicher duͦyrē ſal der biddende M·· cloppen vnd drin endē dat hie in dˢ wairhͭ in gelaiſſen wˢde hie ſal mit alre andaicht cloppen vuͦr dem mīnenclichen vp gedayme hˢzē inder vp geſloiſſenre ſiden vns heˢn ihˢu xpī vnd dar ī ſich dragen mit alre andaicht vn̄ inbekentniſſe ſins grūdeloiſen airmoides vnd ſins neittis alz dˢ arme lazaruͦs vuͦr des richē mans duͦrē vnd heyſſchē die brocken ſinre genadē die nade die geyt dir eyn gotlich ouˢnaturlich weyſen Dan cloppe zo deme andeˢn maile vuͦr den durē der heiligˢ vp gedainre wūden dˢ heiliger hende vn̄ bidden vmbe wair gotlich bekentniſſe dat dich erluͦchte vn̄ zo eme erheyuͦe dan cloppe vuͦr dˢ duͦren dˢ heiliger voyſſe vnd bidde alda vmbe waire gotliche mīne die dich alzo maile mit eme vˢeyne vnd dich in in alzo mail vˢſencke vn̄ vˢſleiſſe Dat wir nuͦ alle alſo moiſſē bidden ſoickē vn̄ cloppen dat wir wˢdē īgelaiſē des helpe vns dˢ lieuͦe got amen · Die eidel wirdige penitēcie de vnſe hˢe ihˢc xpc̄ ded in der zijt de is mī vnd neyt ſyn· Dat ander die mīnencliche zokeir indē willen ſins hemelſchē vaders die ſint myn vn̄ neit ſyn· Dat dirde die hitzige trane die ſich ſchepten vs dem grūde ſins hˢzen mit gūſt ſynre ſelen vs geiſſende vs ſinen mynnenclichen leiflichen ouͦgē die trene ſint min vn̄ neit ſin ſy ſint eyne reynuͦ̄ge mīre ſelen vn̄ eyn betzailūge alre mynre ſchuͦlt· Dat veirde was ſin andeichtich ynnich gebet dat was alſo ſtarck dat ſich alle ſine creifte van ynnē vnd vā vſſen zo grūde leiſſen ī die ſele die ſele ſprach din wille dˢ gewˢde vader neit myn wille dat gebet is myn vn̄ neit din want ich alle myne dage mynē willen behalden hain hˢe alz dv dinē willen ouˢgeyuͦes· gyf mir craift dat ich vs alle myme willē geleidicht wˢde· Dat vuͦnfte dat is dat vp geſichte dinre gotlicher barmhˢzicheit· do ich ſchuͦldich was do leides duͦ mich mit groiſſer gedoilt vnd in haiſt mir geyn goyt vor behalden do ich mich verloys do vuͦndes duͦ mich do ich mich ſeluͦer leys minen vianden do behuͦdes duͦ mich dat ſy mich neyt ī moichten vˢtzeiren do ich mich dode do geuͦes duͦ mir dat leyuͦē do wart vp geſloiſſen dine ſide vn̄ dyn eidel hˢze goys vs dat leyuͦen dieſe mȳnen wˢck die ſint myn vn̄ neyt din· her vp ſtuͦret ſich myne ſele wāt ich ir neygeyns ī geleyfde des mynſtē noch des meyſtē· Dat ſeiſte alz duͦ mich gemīnet haiſt bys ī den doit vn̄ haiſt mich ervuͦllit mit alme goide do woildis duͦ mir die letze laiſē do wt̄ geſeyn in deme raide dˢ heiliger dryuͦeldicheit dat dˢ mȳner ſyme lieuͦē neit beſſers gegeyuͦen ī mach dan ſich ſeluͦer do bewyſte hie dat mīnē werck mit eme ſeluͦer do hie ſas an der richer tafelē des wirdigē auͦent eſſens· vn̄ ſoilde ſinē lieuͦen ſich ſeluͦˢ geyuͦē do warē ſy zo cleyne zo beſleiſſen alſuͦlchen konīc in ere ſelen dar vmbe in deme eirſten/ ee/ hie· ſich eymā gaf do intfeinck he· ſich ſeluͦˢ want mēſchliche natuͦre neit reidich ī was in zo int intfainde do intfeinck hie ſich ſeluͦer dat allit dat an in gebrach dat hie dat eruͦuͦlte mit ſyme intfenckeniſſe alſo alz hie in ī allē dyngē was vuͦr gegangē alſo woilde hie yn vuͦr gain ī ſyme intfenckniſſe hie woilde ſy leirē eſſen ſin eydel vleiſch hie woilde ſy leiren drincken ſin eidel bloit hie woilde ſy leiren mynnē got vn̄ M·· in eynre ᵽſonen hie woilde in geyuͦē zo gebruchen vnd zo gevoilen gotliche guͦde vnd geſchaffenheit· want hie eme ſeluͦer neit behalden in hait dā den die ſyn neit intfangen in moigen· her vp ſpricht dat ewͫ· alſo alz ir maiſſen hait alſo wirt uͦch gegeyuͦen· Dat ſeuͦēde is die vruͦcht des wirdigen lydens vn̄ ſins ſteruͦens do hie an deme cᵘce heinck da warē wuͦndē ī wuͦndē da warē ſmertzen in ſmertzen dat bewyſet dˢ preiſter ī der miſſen alz hie dat heilige ſacᵃment deylet ſo bewyſet hie dat mit dˢ deyluͦngē ſinre geliedere vn̄ mit dem vp ryſſen ſinre wuͦnden vn̄ alre ſynre aideren vnd af ſcheiduͦngen der eideler ſelen van deme lyuͦe do ſich dˢ eidel wuͦrm want ane deme cruͦce van ſextenzijt zo nonen den der ᵱphete ſach in deme geiſte do hey ſprach ich byn eyn wuͦrm vnd neyt ein M·· her vp ſpricht ſcūs pauͦluͦs Beſebit in uͦch des vnſe hˢe ihˢc xᵽc in eme beſuͦb do hie ſprach vader mynē geyſt geyuͦen ich ī dyne hende do geſchach dat wirdiche offer vnſer erloiſuͦngen an deme cᵘce vns heˢn ihˢu xpī alle dieſe dinck die ſint min vnde neyt dyn ich hain eyn getzuͦch an den ᵱpheten der da ſpricht here genuͦchliche erloyſuͦnge is ī dir nuͦ loiſe den eidelen wuͦrm van deme cruͦce dat gebraiden lamp alſo duͦ geyſt mit mīnē zo deme wirdigen ſacramente ſo is dir dat gebraden lamp eyne artzedie· ſine wuͦnden leige in die dine vnd die dine leige indie ſine vn̄ weſſche dich in deme heyſſen bloide ſo wirſtuͦ eyn nuͦwe geboren M·· dat heilige ſacrament is eyne artzedie der ſelin vn̄ aller der creifte die da vˢwuͦnt ſint mit ſuͦndē dˢ wuͦnden ī mach neyt ſo vyl geſyn die ryuͦeir die da vleiſſent vs dem eidelen hˢzen vns heˢn ihˢu xpī· weren dinre wūden alſo vyl alz alre M·· wūden die ſaluͦe des eidelen bloides vns henˢ ihˢu xpī die ſal heyl machen alle dyne wuͦnden vn̄ ſal dich vruͦchbar machen in allen duͦchden vn̄ haiſtuͦ ſeluˢ / geyne doigent haiſtuͦ dat lyden vns heren ihˢu xpī ſo haiſtuͦ alle doigent dat duͦ eirlichen komps vuͦr dat vrdel gotz die eidele wūde des hˢzen vns heˢn ihˢu xˢ die is eyn loyn vn̄ eyne ere alre wuͦndē die da geleiden wˢdēt vā geiſte vn̄ van vleiſche ſo duͦ intfencgis dat licht dˢ werilt ſo begeire dat hie dir geyue zo bekennen dat ſyne vn̄ dat dyne alz hie id bekant wille hauͦen So duͦ intfays dat lamp godis dat da dragit der alre M·· ſuͦndē ſpricht ſent iohˢes· ſo intfeys duͦ dē der da hait braicht den duͦirbeiren ſchatz vs vremden landen die vruͦcht vs deme veiderlichē hˢzen vnd wil dir betzailen alle dine dine ſchuͦlt die duͦ ſchuͦldich byſt ī deme hemel vnd vp der erden vnd die ſeluͦe gyt dir groiſſe gauͦen dat hie dich heldit zo allen duͦchden da duͦ mynne zo haiſt vn̄ begeirde M·· machſtuͦ dich zo allen zijdē neit darzo gevoigen dat duͦ intfays dat heilige ſacᵃmente ſo ſaltuͦ dich keiren zo den vruͦchten des ſacᵃmentz· In machſtuͦ zo allē zijdē deiſer dinge alle dage gedencken ſo ſaltuͦ ir begeiren wa duͦ bys id ſy indˢ kirchen of indˢ kameˢn ſo kneyn vuͦr dat getruͦwe hˢze vns heˢn ihˢu xˢ alz he kneyde vuͦr ſynē hemelſchen vader mit eyme birnende eirnſte vn̄ mit hitziger begeirdē hˢe · ſo begeiren ich ouͦˢmitz din gebet bruͦdˢlicher mynnē in den hemel vn̄ indˢ erden aller dˢ M·· die hude arbeident ī dinē wūden vn̄ in alre heiligē wunden vn̄ in irre ynrelicher zokeir vn̄ in irre vſſerlicher oyvuͦncgē indē trenen irre ouͦgē vn̄ in deme we · irs hˢzen vn̄ ī deme genoich doin irre ſvnden vnde alle die duͦ ernuͦweſt indime duͦren dode vn̄ alle die M·· da duͦ mit mȳnē vnd mit lyuͦe in̄e woyns· wat̄ ich dich neyt geeren in mach noch inkan noch ouͦch wirdich ī byn So begeire ich dat dir eir geſchey ouͦˢmitz dieſen M·· nuͦ begeire ich broderlicher mīnen ī dem hemel van allen den heilegen die ir bloit ey vˢguͦſſen vnde geſtoirt haint do ſy ſich leiſſē zo gruͦnde in allis dat got van in gedain woilde hain Oich groiſſet den meiſtˢ/ der uͦch die craft gaf dat uͦch ney mā des lidens genoich ī kuͦnde gedoin·· Der meiſtˢ/ ſprach van veir leye ſteruͦen dat dˢ menſche ſteruͦen ſal wir ſoilen ſtˢuͦen dē ſuͦndē wir ſoilen ſtˢuͦē den ſynnē wir ſoilen ſtˢuͦē van mīnen/ wir ſoilē ſtˢuͦen van īnē wir ſoilē ſtˢuͦē den ſvndē dar vmb mois gantz ruͦwe vn̄ gewair bichte vn̄ genoich doyn ſyn ī deme lidē vns hˢen ihˢu xˢ alſo bereiden wir vns zo dem auͦent eſſen/ eyn meiſtˢ ſpˢcht dat eyn mēſche moichte mit alſuͦlche mynnē vnd begeirdē zo deme heiligen ſacᵃmente gaī hedde hie vyl ſvnden gedain ſy wuͦrdē eme alle vergeyuͦen· beyde ſchoilt vnd pyne darzo hait dat heilige ſacramente craift hedde dˢ M·· doitliche ſūde vp eme die hie gˢne bigten woilde vn̄ eme vˢgeſſen werē die ſoildē eme gereichent wˢdē vuͦr deigeliche ſvndē dat intfenckniſſe vns heˢn ihˢu xˢ dat is veyr leye Dat eirſte is vns henˢ ihˢu xˢ alz hie ſich ſeluͦˢ intfeinck an deme wirdichme auͦenteſſen dat intfenckniſſe is ſin alleyne vn̄ neymas̄ me Dat ander intfenckniſſe is gemeyne alre M·· die ſich alſo gereynigit haint van allen iren ſvnden vn̄ ſteynt vnſchuͦldich van grouͦen ſvnden vnd ſteint mit gotlicher vn̄ mit broderlicher mynnen dē is geraiden zo drin hogezijdē ī deme iair zo/ zo gain zo deme heiligen ſacrament de des neit ī doint den is geboiden eyns in deme iair· die dyt laiſſent ſūder ſaichen ader rait irs bichters der is mir alz eyn heyden den ſal man begrauͦen vp dat velt· Die meiſtˢ vraigent of dˢ preiſtˢ vnd dˢ leyen intfenckniſſe gelich ſyn dar zo antwˢt mā alſuͦs dˢ preiſtˢ is eyn gemeyn mā der heiliger kirgē vn̄ des volks dar vmb ſagit hie zo dˢ miſſē vs alre dˢ doiget̄ vn̄ wˢcke alre guͦdˢ M·· dᵉr M·· vraigit ſich vnd ſpˢcht hˢe ſal ich gain zo deme ſacᵃment ich in gevoile doch in geyne ynnicheit da van Dˢ meiſter antwˢt dir kompt dir die kaltheit vs ſchuͦlt ſo ī ganck neit dar kompt dir die kaltheit dat dich got vˢſoicken wilt ſo laiſt dich in ſyne barmhˢzichͭ vnd gain darzo Sente Bernart ſpˢcht hie is dat vuͦir dat dich duͦrch hitzen ſal hie is din die mȳne die dich dͬchvleiſſen ſal mit ſuͦſſicheit vn̄ mit luͦſt/ hie is die craift die dir ſal helpen zo ouˢ wynnē alle dyne bekorūge· Nuͦ neymen wir die eirſte noittuͦrft alre M·· we die geiſtlichē ſoilden ſyn zo deme heiligen ſacᵃmente Sy ſoilden hain eyn ynnich gebet ſy ſoilden hain eyne ynreliche andaicht vnd eyne hitzige begeiruͦnge vnd eine birnende mȳne/ alz dˢ M·· deiſe veir ſtuͦcke hait ſo ſal hie ſtaī mit alſo eirſamer voirten alz hie ſtoinde vp der hellenportzen vā reichtˢ vnwirdicheyt heddes duͦ luͦterhͭ alre engel vn̄ leyuͦen vn̄ lyden alre heiligē vnd demoidichͭ dˢ konīcgen mariē nochtan wirſtuͦ vnwirdich des heiligē ſacᵃmentis· her vmb ſpˢcht dˢ preiſtˢ/ here ich inbin neit wirdich dat duͦ komes ī dat huͦys mīre gedencke minre worde mīre wˢcke Svnder ſpricht eyn wort vn̄ mine ſele wˢt geſvnt· alz duͦ geys vā deme altaire ſo ganck mit demoidicher danckberheit vn̄ ſpˢch Lieuͦe hˢe ich danckē dir dat duͦ mich mit dir geſpiſet vn̄ vˢeyniget haiſt dat is dͧˢch dine vrie guͦde des ich neit wirdich in byn Nv moicht ir mich vraigen hˢe we ſal ich mich keiren alz ich dat heilige ſacramente intfangen hain ich wiſen dich vp vnſen heˢn ihˢu xˢ do hie ſich ſeluͦˢ intfengen hadde do keirde hie ſich zo ſime bitteren liden Die inkeir was ſo groys dat bloit vnd waſſer ouˢ ſinē lyf vlois vn̄ was alſo ſtarck vn̄ alſo lanck bis dat hie an deme cruͦce ſtarf alſo do ouͦch duͦ vnd nym war vs wat mynnē he dich gegoilden hait Sich hie is got vnd M·· der dir ſo leiflichen gedeynet hait Sich we duͦ ſinen deinſt vn̄ ſin bitter liden intfangen haiſt vn̄ duͦ ſin gebruͦchet haiſt mit danckberheit Sich lieuͦes duͦ alſo ſo is dir dat heilige ſacrament eyne artedie · Dat dirde intfenckniſſe des heiligen ſacramentis dat is na deme richen M·· hˢe wat ſolē ſi hain eyne vnbevleckde luͦtˢheit dat is eyne vnbevleckde luͦtˢheit die da neit ī hoift vp zijtliche dink· vn̄ den geine creature ervreuͦwē mach noch vā īnē noch vā vſſen noch vā īnē neit hoffē vp geiſtlichē troiſt noch neit ī wˢdē bedrouͦet vā geiſtligē begkoruͦnge noch inſolē neit eygēſchaf ſoickē ī dē wˢckē die got ī doit noch īſoilet̄ neit glorieirē ī geime vs ſprechē noch ī ſolē neymā bewyſūge geyuͦē dat ſi alſuͦlgē M·· ſin ſy ſoilē ſich haldē dat ſi die groiſte ſuͦndˢ ſin vn̄ ſi ſolen hain eyne groenēde cōſciencie die koᵽt vs oyuͦender luͦtˢheit wan alle middel auͦe ſint dat geyn ſtraiffen inder conſciencien īiſt ſo ſteyt ſy zo vreiden dat ſpricht der here nuͦwe wil ich machen alle dinck ſo begynt hie zo groenen vn̄ vruͦcht zo brengē alz dˢ mandelkernen boym die hait wenich bladˢ/ vn̄ vyl vruͦchte vn̄ ſine kernen die ſint ſuͦſſe vn̄ ſine ſchale die is hart de lydet den wynt vn̄ den rayn vn̄ die kerne ſteyt ī ire geroicheit · vn̄ ſaltuͦ dˢ kernē gebruͦchen ſo mois die ſchale geſlagen wˢden zo manigen ſtuͦcken Saltuͦ dˢ ſuͦſſicheit dˢ gotheide vn̄ dˢ menſcheide gebruͦchen ſo moiſtuͦ geſlaigen wˢden van ynnen vn̄ vſſē vn̄ moiſt zo ſtuͦcken gemacht werden vnd moiſt mit lyden erarnet wˢden ſo dat lyden ey gᵒſſer wirt ſo dat lyden ſo duͦ der wairheyt ey bloyſlicher gebruͦchiſt vnd reicht als die kerne behalden wirt vor rayne vn̄ wynde Alſo mois beuͦoliche arbeyt behalden werden in lyden· vnde lydens is neyman wirdich dā der ſvn gotz vnd deme hie is van vrier mynnen geyuͦen wilt vnd wyſte eymant dat lyden alſo eidel were er ſoilde ſich dar gehen bereyden als zo deme wirdigen heiligen ſacramente·· Deo gracias ·· | Reuela deno viam tuam et spera in eo et ipse faciet. et educet quasi lumen iusticiam tuam et iudiciun tuun tamquan meridien diusternisse. Spera in eo qai lu. ius. t. et iudi t. tamqa; me sber. esto // Manduco xpem et manducor ab Beati oculi qui vident qen unbehuotsamheit der got amen Estote ergo misericordes sicut et pren uren misericors// Scens druc inte dise bilede inte die widerwertige gebreche die dû wider dîn gemüete und herze lîden muost dich pînigen Repleti sunt oens spun scon et allermeist ungehôrsamheit amen Duoc in altuom et laxate retia urena in capturam. ungeordenungen gevallen Deo gracias.. |